आगरा(ब्यूरो)। बीते दिनों लिए गए नमूनों के रिजल्ट भी सामने आ रहे हैैं। काफी नमूनों के रिजल्ट अधोमानक भी आए हैैं। ऐसे में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने गूगल सर्वे के माध्यम से आगराइट्स की राय जानी।

गूगल सर्वे में रखी अपनी राय
गूगल सर्वे में पूछे गए सवालों के 183 लोगों ने जवाब दिए। पहले सवाल में पूछा गया कि क्या त्योहार आते ही मिलावटखोर एक्टिव हो जाते हैैं? इसके जवाब में 95 परसेंट लोगों ने हां और पांच परसेंट लोगों ने ना में जवाब दिए। दूसरा सवाल पूछा गया कि क्या खाने-पीने की चीजों में मिलावट करने पर कड़ी सजा देनी चाहिए? इसके जवाब में 98 परसेंट लोगों ने हां और दो परसेंट ने नहीं में जवाब दिया। सर्वे में एफएसडीए द्वारा की जा रही कार्रवाई से 25 परसेंट लोगों ने संतुष्टि जताई, वहीं 50 परसेंट ने कहा कि वह एफएसडीए की कार्रवाई से कम संतुष्ट हैैं। 25 परसेंट लोगों ने कहा कि वह एफएसडीए की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैैं। सर्वे में 90 परसेंट लोगों ने माना कि खाद्य सामग्री में मिलावट को लेकर पब्लिक को भी जागरुक होना चाहिए। वहीं दस परसेंट ने इससे इत्तेफाक नहीं रखा।


मिलावटखोरी करना सबसे बड़ा अपराध है। जो भी मिलावट करे। उसको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
- रचना सिंह, पब्लिक
मिलावटखोरों को सोचना चाहिए कि मिलावट करने से वह लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैैं। यह अपराध है।
- मनोज, पब्लिक
एफएसडीए को और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे कि ऐसे मिलावटखोरों पर लगाम लग सके।
- शशांक, पब्लिक
मिलावटखोरी व्यापार का सबसे स्याह पक्ष है। इससे पूरे बाजार की साख खराब होती है। ऐसे लोगों का बहिष्कार करना चाहिए।
- पवन अग्रवाल, व्यापारी

सोशल मीडिया कमेंट्स
-मिलावटखोरों के भी अपने परिवार होते हैैं। ऐसा करने से पहले वह अपने परिवार को ही देख लें।
-संदीप
पैसा कमाना ही सब कुछ नहीं होता है। और किसी की जान से खेलकर भी कोई पैसा कमाना हुआ।
- रवि
सरकार को मिलावट करने वालों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान लाना चाहिए। जिससे लोग ऐसा न करें।
- विकास
मिलावटखोरी जघन्य अपराध है। इससे बीपी, शुगर से लेकर किडनी जैसी गंभीर बीमारियां हो जाती हैैं।
- ज्योति

होली पर नकली रंगों से रहें सावधान
आगरा. होली के अवसर पर रंग भी नकली आ रहे हैैं। खुशियों के रंगों से सराबोर करने वाली होली पर यह मिलावटी रंग खलल डाल सकते हैं। होली खेलने में थोड़ी सी लापरवाही आपको समस्याएं दे सकती हैं। स्किन, आंखों, बालों तक को होली के रंग नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि रंग पर्व होली पर थोड़ी सावधानी बरती जाए।

केमिकल रंगों से सेहत पर असर
रंगों में कई तरह के केमिकल और हानिकारक रसायन मिले होने से आंखों और स्किन में एलर्जी, सांस की प्रॉब्लम, स्किन पर घाव, बालों में रूखेपन की समस्या जैसी कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। ऐसे में अच्छे और प्राकृतिक रंगों को ही यूज में लाएं जिससे होली के इस रंग में आप बीमारी के चपेट में न आ सकें।

हर्बल के चक्कर में नकली से बचें
हर्बल रंग या आर्गेनिक रंग काफी फीके होते हैं। इसे फल-फूल के रंगों से बनाया जाता है। इन रंगों में कुछ खास चमक नहीं होती है, लेकिन कुछ दुकानदार ऐसे होते हैं, जो ज्यादा कमाई के चक्कर में रंगों में सस्ते और हानिकारक केमिकल का यूज करते हैं। इसमें एस्बेस्टोस-सिलिका जैसे खतरनाक केमिकल भी हो सकते हैं। जिससे बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में हर्बल के चक्कर में नकली रंग की खरीददारी से बचना होगा।

मिलावटी रंगों से सेहत पर पड़ेगा प्रभाव
लाल रंग- इसमें मरकरी सल्फाइट का मिक्सअप होता है। इससे स्किन कैंसर तक हो सकता है। इसके संपर्क में त्वचा को आने से बचाएं।

हरा रंग- इसमें कॉपर सल्फेट पाया जाता है, जो आंखों में जलन पैदा कर सकता है, जिससे आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है।

काला रंग- इसमें लेड ऑक्साइड मिलाया जाता है। मुंह के जरिए पेट में जाने पर किडनी में काफी दिक्कत पैदा हो सकती है।
नीला रंग- इसमें प्यूशियन ब्लू होता है, इससे स्किन का संक्रमण हो सकता है इसलिए होली खेलते समय सतर्क रहें।

चमकीला रंग- इनमें एल्युमिनियम ब्रोमाइड होता है, इससे स्किन कैंसर होने की संभावना रहती है, तो इसका इस्तेमाल न करें।

सिल्वर रंग- इसके यूज से भी स्किन कैंसर होने का खतरा बना रहता है। यह रंग आसानी से छूटता भी नहीं।


असली-नकली रंगों को ऐसे करें पहचान
- सूखे रंग या गुलाल में कोई चमक दिखती है तो यह कांच का पाउडर हो सकती है।
- रंग को सूघें, अगर इसमें बदबू आए तो इसका मतलब इसमें केमिकल या इंजन ऑयल मिला हुआ है।
- रंग की पहचान उसकी चमक से भी कर सकते हैं, नेचुरल रंग में बिल्कुल भी चमक नहीं होती है।