आगरा(ब्यूरो)। अनरजिस्टर्ड चिकित्सक नोडल अधिकारी डॉ। पियूष जैन नोडल अधिकारी ने बताया कि बाला फार्मेसी में छापा मारा था, बाहर मेडिकल स्टोर संचालित था। अंदर झोलाछाप शेखर बाला ने अपना क्लीनिक बना रखा था। आठ मरीज बैठे हुए थे। उसके पीछे बने कमरे में बुखार, उल्टी, पेट दर्द के चार मरीज बेड पर लेटे हुए थे। शेखर बाला के साथ दो नाबालिग मरीजों को ड्रिप लगाकर इलाज कर रहे थे। आईवी फ्लूइड में मल्टीविटामिन का इंजेक्शन डालकर मरीजों को चढ़ाया जा रहा था। वह कोई डिग्री नहीं दिखा सका, स्नातक करने के बाद बी। फार्मा करने की जानकारी दी, लेकिन कोई दस्तावेज नहीं दिखाए। मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी किसी अन्य व्यक्ति के नाम से था। प्रथम तल पर उसका घर था। क्लीनिक को सील कर दिया गया। पुलिस को बुलाकर शेखर बाला को सौंप दिया गया। इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 सहित अन्य धाराओं में थाना ट्रांस यमुना में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

पैथोलॉजी लैब और डॉक्टर की रेफर स्लिप मिली
क्लीनिक में पैथोलॉजी लैब के पेड और डॉक्टर रेफर स्लिप रखी हुई थी। झोलाछाप द्वारा डॉक्टरों को मरीज रेफर किए जाते हैं। इन्हें डॉक्टर कमीशन देते हैं।

शहर से लेकर देहात में मरीजों की जान से खिलवाड़
कॉलोनी, बस्ती से लेकर देहात में झोलाछाप क्लीनिक संचालित कर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। हर मर्ज का इलाज कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग झोलाछाप चिन्हित कर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। छापे के बाद मुकदमा भी दर्ज नहीं किया जाता है। करीब छह महीने बाद झोलाछाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

टेढ़ी बगिया क्षेत्र में क्लीनिक चला रहे झोलाछाप पर कार्रवाई की गई। क्लीनिक को सील कर दिया गया। मुकदमा दर्ज कराया गया है।
- डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ

बिना पंजीकरण और बिना डिग्री के प्रैक्टिस कर रहे लोग तुरंत अपनी प्रैक्टिस बंद कर दें। विभाग द्वारा पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ। पियूष जैन, नोडल अधिकारी अपंजीकृत चिकित्सक