आगरा। नगर निगम ने कूड़ा कलेक्शन की मॉनीटरिंग के लिए 150 से ज्यादा गाडिय़ों में जीपीएस ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम लगवाया था। इसमें एक वाहन पर 15 हजार रुपए का खर्च आया था। जिन व्हीकल्स पर जीपीएस लगाए गए, उनको कूड़ा लेकर कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर जाना था। लेकिन उनकी मॉनीटरिंग के लिए कोई नेटवर्क तैयार नहीं किया। मौजूदा समय में इन व्हीकल्स का उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस बारे में स्वच्छता कॉरपोरेशन के जोनल हेड उपेन्द्र केवाई ने बताया कि अभी हम अपनी गाडिय़ों का ही उपयोग कर रहे हैं। जीपीएस की कोई गाड़ी नहीं है।

बिन्स में लगाई गई थी चिप
नगर निगम ने कूड़ा उठान की मॉनीटरिंग के लिए बिन्स मेें चिप लगाई थी। इस दौरान नगर निगम के अधिकारियों का दावा था कि कूड़ा उठते ही मोबाइल पर मैसेज प्राप्त हो जाएगा। कि कूड़ा उठा कि नहीं। मौजदा समय में ये व्यवस्था धरातल पर नहीं है।

क्यूआर कोड बने शोपीस
कूड़े की मॉनीटरिंग के लिए सेनेटरी इंस्पेक्टरों को आरएफआईडी रीडर रेडियो फ्रीक्वेन्सी आईडेंटीफिकेशन रिस्ट वॉच दी गई। इसके लिए तीन लाख से ज्यादा घरों में क्यूआर स्कैन कोड लगाए गए। लेकिन ये मौजूदा समय में शोपीस बनकर रह गए हैं। वहीं दूसरी ओर स्मार्ट सिटी के तहत बने इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर से सॉलिड वेस्ट की मॉनीटरिंग की बात कही गई। लेकिन ये व्यवस्था भी सार्थक नहीं हो सकी।

अभी तीन कंपनियों से किया गया है करार
नगर निगम ने तीन कंपनियों से करार किया है। ये कंपनियां अभी कूड़े को सेग्रीगेट करने के लिए लोगों को जागरुक करेंगी। इसके बाद यूजर चार्ज वसूलने का कार्य भी करेंगी। इस बारे में नगर निगम के पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण ने बताया कि कंपनियों को तीन महीने का टाइम दिया गया है। इसके बाद कंपनियां यूजर चार्ज वसूलने का काम करेंगी। बता दें कि स्वच्छता कॉरपोरेशन कंपनी 94 वार्डों से कूड़ा कलेक्शन कर रही है। 6 वार्डों से लाइंस कंपनी ताजगंज के वार्डों से कूड़ा कलेक्शन कर रही है।


नगर निगम ने नहीं किया भुगतान
अभी तक नगर निगम ने स्वच्छता कॉरपोरेशन कंपनी को भुगतान नहीं किया है। इस बारे में स्वच्छता कॉरपोरेशन के जोनल हेड उपेन्द्र केवाई ने बताया कि पहले नगर निगम के अफसरों ने भरोसा दिलाया था कि दीपावली बाद भुगतान करवा देंगे। अभी तक भुगतान नहीं किया जा सका है। इससे कूड़ा कलेक्शन मेें दिक्कत आ रही है। वहीं दूसरी ओर कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर कंपनी की गाडिय़ों को अनलोड होने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। कंपनी की कूड़े की गाडिय़ों को अनलोड नहीं किया जाता है। जबकि नगर निगम की गाडिय़ों को अनलोड कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इससे उन्हें दिक्कत आ रही है।

ये हैं ट्रांसफर स्टेशन
राजनगर लोहामंडी, पुरानी मंडी ताजगंज, ताज पूर्वी गेट, संजय प्लेस, ट्रांसपोर्ट नगर, ट्रांसपोर्ट नगर आईएसबीटी के पीछे

हाइटेक व्यवस्था बनाने में इतना किया गया खर्च
योजनाएं किया गया खर्च
व्हीकल्स सिटस्म जीपीएस 17,76,029
क्यूआर टैग कमर्शियल 3,86,287
सीसीटीवी कैमरा 2,22, 66,950
आरएफआईडी रीडर 55,53,41031
जीपीआरएस वेट ब्रिज 3,71,486

फैक्ट फाइल
- शहर में है 166 डलाबघर इसमें लोहामंडी में 50, छत्ता में 52, हरीपर्वत में 39, ताजगंज 25
- 38 को किया जा चुका है खत्म
- 200 अस्थायी डलावघर
- 216 गाडिय़ां लगी हैं कूड़ा कलेक्शन करने में
- 700 सफाई कर्मचारी


कूड़ा उठाने वाली गाड़ी रोज नहीं आती। कभी-कभार आती है। जब आती है, तो लाउडस्पीकर से कूड़े के लिए बोला जाता है। लेकिन कभी कभार ही आती है। ये रोज आनी चाहिए। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी मॉनीटरिंग नहीं हो रही है।
योगेश शर्मा


कूड़ा कलेक्शन को लेकर योजनाएं तो तमाम बनाई गईं। कभी कहा जाता है। शहर को गार्बेज फ्री किया जाएगा। कभी कहा जाता है। डलावघर समाप्त किए जाएंगे। अभी तक तो कुछ हुआ नहीं है सिवाय करोड़ों की बर्बादी के इस ओर जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए।
गिरिराज शर्मा