- पिछले वर्ष से बढ़ा रेशियो, लेकिन मानक से अब भी 36 कदम दूर

- फीरोजाबाद की स्थिति भी चिंताजनक, मथुरा में दिखा कुछ हद तक सुधार

आगरा। जनपद में जेंडर रेशियो बैलेंस करने में प्रशासन के सभी प्रयास ध्वस्त हो गए हैं। लाख प्रयासों के बावजूद स्टैंडर्ड के मुताबिक एक हजार पर 36 महिलाएं कम हैं। जनपद में कुल 3244016 मतदाता है। जिनमें महिला मतदाता 1464258 हैं।

मानक के अनुसार 36 महिलाएं कम

जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक आगरा में एक हजार पुरुषों पर 823 महिलाएं हैं। जबकि स्टैंडर्ड के मुताबिक एक हजार पर 859 महिलाएं होनी चाहिएं। इसके मुताबिक एक हजार पर 36 महिलाएं कम हैं। जेंडर रेशियों बैलेंस करने के लिए यह आंकड़ा प्रशासन के लिए चुनौती है।

प्रति हजार 177 तक पहुंचा आंकड़ा

स्टैंडर्ड के मुताबिक एक हजार पर 36 महिलाएं कम हैं। अगर इस मानक को हटा दिया जाए तो यह अंतर काफी है। एक हजार पर 177 महिलाएं कम हैं। इसे मेंटेन किए जाने के लिए जिला प्रशासन को सख्ती के साथ काम करना होगा।

फीरोजाबाद की भी है यही स्थिति

फ रोजाबाद जनपद में भी आगरा जैसे ही जेंडर रेशियो के हालात हैं। वहां पर एक हजार पर स्टैंडर्ड के मुताबिक 36 महिलाएं कम हैं। लेकिन आगरा और फीरोजाबाद के हालातों से मथुरा के ठीक हैं। मथुरा में 31 का अंतर है। मथुरा में एक हजार पर 828 महिलाएं हैं।

तमाम प्रयास, फिर भी परिणाम शून्य

शासन और प्रशासन स्तर पर जेंडर रेशियो को ठीक किए जाने के लिए तमाम प्रयास जारी हैं। बेटी परिवार पर बोझ न बने इसके लिए उनकी शिक्षा फ्री की गई है। भ्रूण हत्या को रोके जाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग भी सक्रिय है। भ्रूण की जांच कराए जाने पर पाबंदी है। गर्भवती महिला के लिए पौष्टिक आहार से लेकर डिलीवरी तक सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है। बावजूद इसके जेंडर रेशियो गड़बड़ाया हुआ है।