इससे दुभाग्यपूर्ण क्या होगी कि इंटरनेशनल वीमंस डे के ठीक एक दिन पहले लड़कियों पर सरेराह लाठियां बरपाई गईं और उन्हें जबरन पुलिस की जीप में ठूंसकर थाने ले जाया गया। इससे भी शर्मनाक यह कि लड़कियों को अपने हक के लिए आवाज उठाने का खामियाजा भुगतना पड़ा। कन्या विद्या धन मांगने के लिए लड़कियों को लाठियों का शिकार होना पड़ा। जब लड़कियां जीआईसी के सामने स्थित राष्ट्रीय पुस्तकालय में बनने वाले समाधान केंद्र पहुंची तो वहां उनको कोई नहीं मिला। इस पर लड़कियां बिफर गईं और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। आक्रोशित लड़कियां सुभाष पार्क तक प्रदर्शन करते हुए आ गईं। लेकिन, ढाकरान चौराहे पर पुलिस ने लड़कियों के साथ अभद्रता करते हुए लाठीचार्ज कर दिया और पांच लड़कियों को पकड़कर महिला थाने पहुंचा दिया। अपने साथियों को छुड़ाने के लिए डीएम ऑफिस के सामने लड़कियों ने धूप में जमीन पर बैठकर नारे भी लगाए।


Scene-1 दोपहर 12 बजे
डीएम के आर्डर के मुताबिक, थर्सडे को जीआईसी के सामने स्थित राष्ट्रीय पुस्तकालय में समाधान केंद्र बनना था। सुबह से ही कन्या विद्या धन मांगने के लिए लड़कियां पहुंचना शुरू हो गई थीं। वहां कोई जानकारी न मिलने पर लड़कियों ने हंगामा और नारेबाजी करना शुरू कर दिया। लड़कियों ने सुभाष पार्क के सामने जाम लगा दिया। सूचना पर पहुंची थाना नाई की मंडी पुलिस और कोबरा मोबाइल पुलिस ने लड़कियों को हटाने की काफी कोशिश की लेकिन कंट्रोल नहीं कर पाए। बता दें कि पुलिस के पास कोई महिला कांस्टेबिल नहीं थी।


Scene-2, दोपहर 12:22, Place-ढाकरान चौराहा
सुभाष पार्क पर जब लड़कियों को पुलिस एमजी रोड से हटाने में नाकाम रही तो लड़कियों को कलक्ट्रेट लेकर जाने लगी। ढाकरान पर पहुंचते ही लड़कियों ने फिर से नारेबाजी करना शुरू कर दिया और रोड पर वेहीकल्स के सामने खड़ी हो गईं। इस पर कोबरा मोबाइल पुलिस और पुलिस ने उनके ऊपर लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया। इस पर लड़कियों में अफरा-तफरी मच गई और वे रोड पर इधर-उधर भागने लगीं। इसके बाद पुलिस ने एक प्रदर्शनकारी मनीषा शर्मा को जबरन खींचकर जीप में डाल दिया और साथ ही चार अन्य लड़कियों को महिला थाने ले गई।

Scene-3 दोपहर 12:40 ढाकरान चौराहा
लाठीचार्ज को देख भागती लड़कियां वेहीकल्स की चपेट में आने से भी बचीं। लाठीचार्ज के 15 मिनट बाद महिला थाना एसओ उपासना यादव सूचना मिलने पर फोर्स के साथ मौके पर पहुंची और थाना एमएम गेट की पुलिस भी पहुंच गई। अपने साथियों को पकड़कर ले जाते देख बाकी लड़कियां कलक्ट्रेट में डीएम ऑफिस पहुंच गईं. 

Scene-4 दोपहर एक बजे कलक्ट्रेट
लाठियां बरसाने के दौरान पुलिस ने सभी सीमाएं लांघ दीं। उन्होंने फिजिकल चैलेंज्ड सोनिया के ऊपर भी अपना डंडा चला दिया। घटना के दौरान सोनिया रोड पर गिर पड़ी थी। उसके आंसु उसका दर्द बयां करने के लिए काफी थे। 30 से अधिक लड़कियों ने डीएम ऑफिस के बाहर पुलिस के खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिया। लेकिन, किसी भी ऑफिसर के न आने पर लड़कियां धूप में बैठ गईं और साथियों को महिला थाने से छोडऩे की गुहार लगाने लगी। महिला थाना एसओ बार-बार लड़कियों को शांत रहने की सलाह देती नजर आईं।

इनको भेजा गया थाने
- सुधा पुत्री किसान सिंह निवासी श्यामो
- सुनैना पुत्री श्यामलाल निवासी शाहगंज
- सविता पुत्री माता प्रसाद निवासी डिफेंस कॉलोनी
- बेबी पुत्री कोमल सिंह निवासी धांधूपुरा
- मनीषा शर्मा पुत्री देवेंद्र शर्मा निवासी बुंदू कटरा

लेकिन,ये क्या हुआ?

मेरे साथ पुलिस ने मारपीट की है और जबरन मुझे खींचकर थाने ले जाया जा रहा था। मगर लड़कियों ने मुझे जाने नहीं दिया और रोक लिया। मेरी गर्दन में चोट आई है। हम लड़कियों पर पुरुष पुलिस कर्मियों ने पिटाई की है।
 अंजलि, डिफेंस कॉलोनी


लेकिन,ये क्या हुआ?

हम अपना हक मांगने के लिए आए थे लेकिन पुलिस ने हमारे साथ मारपीट कर दी। हमारे साथ बुरा बर्ताव किया गया है।
 रेनू कुमारी, बारहखंभा

मैं अपने फिजिकली चैलेंज्ड हूं और पुलिस को मेरे ऊपर भी कोई तरस नहीं आया। लाठीचार्ज के दौरान मैं दूर जाकर गिर पड़ी थी।
 सोनिया, पैंतीखेड़ा


लेकिन,ये क्या हुआ?

पुलिस बेवजह हमारी साथियों को अपने साथ जीप में डालकर ले गई और हमारे साथ बुरा व्यवहार किया। हमको कन्या विद्या धन के लिए बेवजह परेशान किया जा रहा है।
 प्रीति, शाहगंज


लेकिन,ये क्या हुआ?

समाधान केंद्र पर कोई भी हमारी समस्या सुनने के लिए नहीं था और रोज कन्या विद्या धन के लिए हमें डीआईओएस परेशान कर रहे हैं।
 वर्षा, बरारा