आरबीएस कॉलेज में हुआ कार्यक्रम
आरबीएस कॉलेज के आडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में अध्यक्ष ने उपभोक्ताओं से उनके विचार, राय और सुझाव मांगे। उद्योगपति पूरन डावर ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि जब वे 2.44 रुपए प्रति यूनिट बिजली दिए जाने की बात कह रहे हैं तो यहां पर क्यों आठ रुपए प्रति यूनिट दी जा रही है? अनुरोध किया कि बिजली दरें न बढ़ाई जाएं। ट्रिङ्क्षपग का निस्तारण किया जाए। उद्योगों के लिए फीडरों की व्यवस्था की जाए। कहा कि वे यह मांग 10 साल से करते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो सका है। भाजपा के क्षेत्रीय संयोजक अनिल सारस्वत ने भी बिजली दरें न बढ़ाए जाने की बात कही। कहा कि प्रीपेड मीटरों में ग्रेस पीरिएड बढ़ाया जाए। बिजनेस प्लान को बढ़ावा दिया जाए। अनाधिकृत कालोनियों पर विद्युतीकरण के नाम पर अंकुश लगाया जाए। उद्योगपति भूपेंद्र ङ्क्षसह सोफ्टी ने कहा कि जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड में बिजली की दरें यहां की अपेक्षा कम हैं। बावजूद इसके यहां पर बढ़ाए जाने की बात की जा रही है। लघु उद्योग भारती के संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि लोड बढ़वाने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसके ङ्क्षसगल ङ्क्षवडो की व्यवस्था की जाए। डीसी शर्मा ने कहा कि बकाएदारों को बिल जमा करने में किस्त की सुविधा दी जाए। भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री मोहन ङ्क्षसह चाहर ने विद्युत दरें बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को खारिज किए जाने की मांग की।

टोरेंट करती है मनमानी
उपेंद्र ने आरोप लगाया कि आगरा शहर में टोरेंट कंपनी मनमानी करती है। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) की शर्तों का पालन नहीं करती है। डीवीवीएनएल भी टोरेंट की मनमानी पर अंकुश नहीं लगा पा रही है।

20-25 साल पुराने बकाए का उठा मुद्दा

शहर में 20 से 25 साल के बकाए को लेकर कनेक्शन काटे जा रहे हैं। जबकि संबंधित व्यक्ति पर कोई बकाया नहीं है। भवन पर बकाया दर्शाकर कनेक्शन काटे जा रहे हैं। राधा अग्रवाल ने कहा कि पिछले सात माह से कनेक्शन कटा हुआ है। जबकि उन पर कोई बकाया नहीं है।

चंद लोग ही पहुंचे जनसुनवाई में
जनसुनवाई में 21 जिले के लोगों को भाग लेना था, लेकिन पहुंचे गिने-चुने लोग ही। हाल को भरने का काम डीवीवीएनएल के कर्मचारी व अधिकारियों ने किया।

जनसुनवाई के बाद ही बिजली की दरों पर लेंगे निर्णय
बिजली दरों में बढ़ोतरी से पहले नियामक आयोग पूरे प्रदेश में उपभोक्ताओं से चर्चा कर रहा है। अध्यक्ष आरपी ङ्क्षसह ने कहा कि सभी जगह से परिचर्चा के बाद ही बिजली दरों पर निर्णय लिया जाएगा। उपभोक्ताहितों का ध्यान रखा जाएगा। हालांकि, जनसुनवाई के दौरान उपभोक्ताओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि क्या हवाई जहाज की यात्रा महंगी नहीं हुई? दूध की कीमतें नहीं बढ़ी? जूता की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई? तो फिर बिजली की दरें क्यों नहीं।

बाक्स: ये है विद्युत नियामक आयोग
विद्युत नियामक आयोग अधिनियम, 1998 के प्रावधान अंतर्गत उप्र विद्युत नियामक आयोग की स्थापना हुई। इसका कार्य बिजली की खरीद, वितरण, आपूर्ति, उपयोगिता, सेवा की गुणवत्ता, टैरिफ और उपभोक्ता द्वारा देय प्रभार और विद्युत कंपनियों के हितों को ठीक तरीके से देखना और उसका संचालन करना है।