- करीब 300 बच्चों को बैठाया सर्दी में जमीन पर

- पीने के लिए नहीं पानी, टॉयलेट भी नहीं जाने दिया

आगरा। एत्माद्उद्दौला के कालिंदी विहार में एक-दो महीने की फीस के लिए स्कूल प्रबंधन ने अमानवीयता की हद पार कर दी। स्टूडेंट्स को बेंचों पर नहीं बैठने दिया। ठंड में करीब 300 स्टूडेंट्स दो घंटे तक जमीन पर बैठे रहे। इस दौरान न उन्हें पीने को पानी दिया गया और न ही उन्हें टॉयलेट जाने दिया। दहशत में आए बच्चों ने घर जाकर परिजनों को जानकारी दी, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। मंगलवार को स्कूल परिसर में हंगामा कर दिया। सूचना पर पुलिस पहुंच गई।

आठवीं की मान्यता, हाईस्कूल की पढ़ाई

कालिंदी विहार स्थित एक पब्लिक स्कूल में एक से डेढ़ हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। बताया गया है कि स्कूल की मान्यता आठवीं तक है, लेकिन क्लास हाईस्कूल की भी लगती है। स्कूल के साइन बोर्ड पर किसी भी बोर्ड का नाम नहीं लिखा है। लम्बी छुट्टी के बाद सोमवार को स्कूल खुला। सुबह बच्चे स्कूल में पहुंचे, तो उनको क्लास में एंट्री नहीं करने दी। बच्चों से पहले फीस जमा करने की बात की।

जमीन पर बैठे रहे बच्चे

बच्चों की एक व दो महीने की फीस बकाया थी। फीस न लाने पर सभी को जमीन पर बैठने के आदेश दे दिए। करीब 300 बच्चों को जमीन पर बैठा दिया। एक घंटा बीत गया, लेकिन उन्हें नहीं उठाया। ठंडी जमीन पर बच्चों की हालत खराब हो रही थी, लेकिन स्कूल प्रबंधन को तरस नहीं आया। बच्चों का गला सूखने लगा। उन्होंने उठने की कोशिश की तो डांटा गया।

किसी तरह काटे दो घंटे

बच्चों ने किसी तरह दो घंटे काटे। एक बच्चे की शौच न जाने से हालत खराब हो गई। उसने वही पर शौच कर दी। बच्चे जब घर लौटे तो अपने परिजनों को बताया। अमानवीयता की बात जानकर परिजनों में गुस्सा फूट पड़ा। परिजन मंगलवार सुबह स्कूल पहुंच गए और हंगामा कर दिया। परिजनों ने प्रबंधन पर आरोप लगाए। दो घंटे तक स्कूल में प्रदर्शन करने के बाद परिजनों ने पुलिस कंट्रोल रूम फोन कर दिया।

मौके पर पहुंची पुलिस

सूचना पर पुलिस पहुंच गई, लेकिन उससे पहले ही विद्यालय निदेशक ने परिजनों से अपनी करनी की माफी मांग ली। स्कूल डायरेक्टर का कहना था कि बच्चों को जमीन पर बैठाने जैसी कोई बात नहीं है। 300 बच्चों की फीस बकाया है। परिजनों ने कंट्रोल रूम पर बच्चे की हालत बिगड़ने की झूठी सूचना दे दी, जिसके चलते पुलिस आई। अमानवीयता वाली बात झूठी है।