-आगरा निवासी युवक बेंगलुरु में एक हाइवे निर्माण करने वाली कंपनी में करता था काम

-ट्रेन से आगरा वापस आ रहा था, इटारसी में जीआपी को मिला युवक का शव

-पोस्टमार्टम कराने गए तो नहीं थी शव की दोनों आंखें, नाक पर था चोट का निशान

-परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप, जीआरपी इटारसी की बड़ी लापरवाही हुई उजागर

आगरा: आगरा निवासी एक युवक की डेडबाड़ी से जीआरपी मप्र की कस्टडी में आंखे निकाल लीं। अमानवता का खुलासा तब हुआ जब पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर ने डेडबॉडी से आंखें गायब होने की जानकारी जीआरपी इटारसी को दी। जिसपर जीआरपी ने सफाई देते हुए ड्यूटी डॉक्टर को मृतक का पंचनामा भरने के दौरान का फोटो दिखाया जिसमें आंखें सुरक्षित थीं। वहीं, इटारसी पहुंचे मृतक के परिजनों ने कंपनी पर हत्या का आरोप लगाया, आरोप यह भी है कि जीआरपी इटारसी ने उनकी तहरीर नहीं ली।

ट्रेन से मिला शव

जनपद के थाना बरहन के गांव नगला ताज निवासी जितेंद्र सिंह पुत्र भीकम सिंह धाकरे बेंगलुरु में भोपाल की एक हाइवे निर्माण करने वाली कंपनी में काम करता था। गत 11 वर्षो से जितेंद्र इस कंपनी में बतौर हाइवे सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत था। गत 18 नवंबर को वो बेंगलुरु से कर्नाटका एक्सपे्रस से आगरा के लिए निकला था। जिसका शव जीआरपी इटारसी ने 19 नवंबर रात 10 बजे ट्रेन के कोच से बरामद किया। जीआरपी इटारसी इंस्पेक्टर महेंद्र मिश्रा के मुताबिक शव को ट्रेन से उतारकर स्टेशन पर पंचनामा भरने के बाद एक स्थान पर ढक कर रख दिया गया। इस बीच जीआरपी ने मोबाइल से नंबर हासिल कर जितेंद्र के परिजनों को घटनाक्रम की जानकारी दे दी।

कस्टडी में निकाल ली आंखें

मौके पर पहुंचे मृतक के पिता भीकम सिंह धाकरे उस समय अवाक रह गए जब उन्होंने देखा के बेटे का शव क्षत-विक्षत है। पोस्टमार्टम के बाद जीआरपी द्वारा परिजनों को सौंपे गए शव की दोनों आंखें गायब थी और नाक पर भी चोट का निशान था। वहीं पोस्टमार्टम के दौरान ड्यूटी डॉक्टर ने जीआरपी से शव की आंखे गायब होने से संबंध में जानकारी ली तो बताया गया कि पंचनामा के दौरान शव की आंखें सुरक्षित थीं। इतना ही नहीं जीआरपी ने ड्यूटी डॉक्टर को मृतक का वो फोटो भी दिखाया जिसमें उसका चेहरा सुरक्षित था। कस्टडी में युवक की आंखों के गायब होने की सूचना पर खलबली मच गई, जिस संबंध में सफाई देते हुए जीआरपी इटारसी के इंस्पेक्टर महेंद्र मिश्रा ने कहा कि शव को सुरक्षित रखने के लिए स्थान नहीं है। चूहा या कोई अन्य जानवर आंखें निकाल ले गया होगा।

हत्या का आरोप, नहीं ली तहरीर

मृतक के पिता का आरोप है कि उसके बेटे की हत्या की गई है। कंपनी पर हत्या का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि साजिशन हत्या कर शव को ट्रेन में रख दिया गया। उन्होंने बताया कि कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर समेत अन्य अधिकारी पूर्व में भी मृतक जितेंद्र को हत्या की धमकी दे चुके हैं। जिसकी जानकारी उसने अपने पिता को दी थी। पिता का यह भी आरोप है कि जीआरपी इटारसी ने उनकी तहरीर नहीं ली।

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बेटे की हत्या की गई है। जीआरपी इटारसी ने जब बॉडी को सौंपा तो दोनों आंखें नहीं थी और चेहरे पर चोट के निशान भी हैं। मेरी तहरीर भी जीआरपी इटारसी ने नहीं ली है।

-भीकम सिंह धाकरे, मृतक का पिता

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युवक का शव कर्नाटका एक्सप्रेस से बरामद किया था। शव को सुरक्षित रखने का स्थान नहीं है। किसी चूहे या जानवर ने आंखों को कुतर लिया है। आंख निकालने का आरोप निराधार है। परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी।

-महेंद्र मिश्रा, इंस्पेक्टर, जीआरपी, इटारसी