आगरा(ब्यूरो)। हरीपर्वत क्षेत्र स्थित एचआइजी फ्लैट में भी उत्सव का माहौल है। पूरे परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। कालोनी वाले उत्साहित हैं, क्योंकि 10 अक्टूबर को माता सीता यहां स्थित प्राचीन सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर में गौरा पूजन करने पहुंचेंगी। श्री सिद्धेश्वर नाथ महादेव गौरा-पूजन स्वागत समिति के समन्वयक व मीडिया प्रभारी महेश उपाध्याय ने बताया कि संजय प्लेस में 29 वर्ष बाद सजी जनकपुरी में हमारी कालोनी को भी 29 वर्ष बाद सौभाग्य मिला है।

सखियों संग गौरा पूजन को पहुंचेंगी जनक दुलारी

10 अक्टूबर को माता सीता यहां स्थित 150 वर्ष से अधिक प्राचीन सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में गौरा पूजन को आएंगी। 29 वर्ष पहले संजय प्लेस में जब जनकपुरी सजी थी, तब भी गौरा-पूजन यहीं हुआ था। इस आयोजन को भव्य व जीवंत बनाने की पूरी तैयारी है। मंदिर के साथ पूरी कालोनी को सजाया गया है। माता सीता के पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत होगा। वह पुष्पवाटिका में जाकर पुष्प चयन करेंगी, इस पूरी रस्म को जीवंत बनाने की तैयारी है। इससे पहले नौ अक्टूबर को शाम छह बजे गणेश पूजन और माता पार्वती के मेहंदी कार्यक्रम की शुरुआत होगी। गणेश जी की सवारी और राजा जनक व रानी सुनयना का स्वागत होगा। रात्रि में माता के भजन व प्रसाद वितरण होगा। समिति अध्यक्ष हरिनारायण चतुर्वेदी, सचिव विनय शिवहरे, संयोजक कमल शर्मा, अनिल अग्रवाल और अनिल शर्मा मौजूद रहे।

जयपुरिया कोट, इंदौरी माला, मथुरा की चरण पादुका से सजेंगे दीनदयाला
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम अपनी बरात में जयपुरिया कोट में सजेंगे। जनकपुरी में माता जानकी के साथ विवाह रस्म में वह बनारसी धोती-कुर्ता धारण करेंगे। इंदौर के मोतियों की माला और मथुरा की चरण पादुका उनके स्वरूप को और निखारेगी। उनके स्वरूप को दिव्य बनाने के लिए श्रीरामलीला कमेटी की महिला शक्ति दिनरात जुटी है। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की बरात 10 अक्टूबर को निकाली जाएगी। प्रभु अपने तीनों अनुज संग दिव्य शृंगार कर चांदी के रथ पर सवार होकर निकलेंगे। सभी स्वरूपों की पोषक व अन्य कार्यों की जिम्मेदारी श्रीरामलीला कमेटी ने महिला शक्ति को सौंपी है। श्रीराम का कार्य निधि अग्रवाल, अनुज लक्ष्मण का कार्य पारुल अग्रवाल, भरत का कार्य संगीता पोली और शत्रुघ्न का कार्य एकता गौतम संभाल रही हैं। उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने से वह चारों स्वरूपों की पोशाक तैयार कराने में जुटी हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम और उनके अनुज जयपुरिया कोट पहनेंगे, जिसे गुलाबी शहर जयपुर में रजत तार और जरी के महीन काम से एक महीने से तैयार कराया गया है। इन्हें पहनकर चारों 10 अक्टूबर को उत्तर भारत की ऐतिहासिक रामबरात में शामिल होंगे। बाबा विश्वनाथ की नगरी बनारस से दिव्य पीतांबरी धोती-कुर्ता तैयार कराया गया है। प्रभु श्रीराम तीनों अनुजों के साथ मोतियों से इंदौर में बनी माला धारण करके जगत जननी मां जानकी को ब्याहने जनकपुरी पहुंचेंगे। विवाह उपरांत माता सीता को विदा कराकर लाते समय प्रभु श्रीराम के चरणों की शोभा कान्हा की नगरी मथुरा में बनी चरण पादुका बढ़ाएंगी।

तेहि छन राम मध्य धनु तोरा, भरे भुवन धनि घोर कठोरा
आगरा। रविवार को आगरा किला के सामने स्थित रामलीला मैदान में चल रही उत्तर भारत के प्रसिद्ध रामलीला महोत्सव में सीताजी के स्वयंवर की लीला हुई। इससे पहले श्रीमन:कामेश्वर महादेव मंदिर स्थित लाला चन्नौमल की बाहरद्वारी से ऋषि विश्वामित्र संग श्रीराम-लक्ष्मण अश्व पर सवार होकर और माता सीता चार सखियों संग रथ पर सवार होकर स्वयंवर के लिए निकलीं। मार्ग में जगह-जगह उनका स्वागत हुआ। शृंगार कमेटी के कान्हा, ²श्य, बंटी और चिराग ने किया। मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य, रामलीला कमेटी अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, महामंत्री राजीव अग्रवाल, राजा दशरथ छोटे लाल बंसल, अतुल बंसल, टीएन अग्रवाल, भगवान दास बंसल और मुकेश अग्रवाल मौजूद रहे।

रामलीला में आज
मीडिया प्रभारी राहुल गौतम ने बताया कि रामलीला में सोमवार को शाम सात जनकपुरी से निमंत्रण की लीला का मंचन होगा। शाम 4:30 बजे मेहंदी उत्सव होगा।