आगरा(ब्यूरो)। पीडि़त की शिकायत दर्ज होने के बाद बस एक क्लिक कर अपने लैपटॉप या मोबाइल पर दर्ज एफआईआर से जुड़ी सारी जानकारी पा सकते हैं। इसके लिए स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के पेज पर जाना होगा। इसके बाद आप जिला और अपने थाना का चयन कर न केवल एफआईआर की कॉपी देख सकते हैं बल्कि उसे डाउनलोड भी कर सकते हैं। इसमें प्राथमिकी संख्या, प्राथमिकी दर्ज करने की तारीख, शिकायकर्ता का नाम, पता, आरोपी का नाम-पता, थाना क्षेत्र, धारा, घटना का समय आदि की जानकारी मिलेगी।

हर खास और आम को मिलेगी राहत
डीसीपी सिटी जोन सूरज राय ने बताया कि क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) के अंतर्गत जनपद के 47 थानों को नेटवर्क से जोड़ा गया है। इसका मकसद पुलिस के काम में पारदर्शिता लाने के साथ कार्य प्रणाली में सुधार लाना है। पीडि़त अपनी शिकायत लेक र थाने जाता है तो उसे परेशानी का सामना करना पड़ता है, ऐसे में उसको थाने के चक्कर भी लगाने पड़ते हैं, नए पुलिसिंग सिस्टम से हर आम और खास को राहत मिल सकेगी।

अज्ञात के बारे में भी मिलेगी अपडेट
एससीआरबी के पेज पर एफआईआर की कॉपी के साथ आमलोगों को पांच तरह की जानकारी मिलेगी। इसमें संबंधित जिले, थाने या कांड में गिरफ्तार व्यक्ति से जुड़ी भी जानकारी शेयर की जा रही है। मामले की जांच कर रहे पुलिस पदाधिकारी और उनके पद की भी जानकारी मिलेगी। इसके अलावा जिले और थाना क्षेत्र से लापता व्यक्तियों, मिले अज्ञात शवों आदि की भी जानकारी ऑनलाइन शेयर की जा रही है। हथियारों के खोने या चोरी होने से जुड़ी जानकारी भी यहां शेयर की जा रही है।

भाषाओं में शिकायत करने क ा ऑप्शन
ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा पहले से उपलब्ध है। हाल ही में नए रंग-रूप में लॉंच की गई यूपी पुलिस की वेबसाइट पर कोई भी व्यक्ति जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके लिए वेबसाइट पर अलग से बटन बना है, जिस पर क्लिक करने के बाद शिकायत के आवेदन का पेज खुल जाता है। इसमें ङ्क्षहदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में शिकायत दर्ज कराने का विकल्प है। शिकायत में नाम, पता, मोबाइल नंबर व ई-मेल के साथ एक हजार शब्दों में शिकायत का चयनित शब्दों में पूरा विवरण देना है।

सीसीटीएनएस के जरिए देख सकते हैं डाटा
सीसीटीएनएस एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट प्लान है। इसके तहत कोर्ट, मुकदमा, पुलिस, जेल और एफएसएल, फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को ई-नेटवर्क के जरिए जोड़ा जाना है। इसके बाद सभी संस्थाएं डिजिटल प्लेटफॉर्म में एक-दूसरे से जुड़ जाएंगी। कागजात भी डिजिटल फार्म में एक से दूसरे संस्थाओं को भेजे जाएंगे। सीसीटीएनएस इसी का एक भाग है जो पुलिस के कामकाज से संबंधित है। पुलिस इस नेटवर्क के लिए एक-दूसरे का डाटा देख सकती है। सीसीटीएनएस पर किस जिले में कितना काम हो रहा है इसका मूल्यांकन समय-समय पर किया जाता है।

इन बिंदुओं पर कार्य का मू्ल्यांकन
-सीसीटीनएस नेट से जुड़े थानों में एफआईआर और स्टेशन डायरी की ऑनलाइन इंट्री करनी है।
-केस डायरी, चार्जशीट और अरेस्ट मेमो की इंट्री भी डिजिटल फॉर्म में सीसीटीएनएस पोर्टल पर होनी है।
-किस थाना में यह नेटवर्क कितनी देर ऑनलाइन रहा इसे भी देखा जा रहा है।
-यदि कोई थाना ऑनलाइन नहीं है तो नेटवर्क सिस्टम को कितनी देर में दुरुस्त किया गया।


मुकदमा दर्ज होने के बाद पीडि़त को तत्काल कॉपी उपलब्ध नहीं कराई जा रही, तो उस स्थिति में पुलिस पीडि़त के घर जाकर उसको एफआईआर मुहैया कराएगी। पुलिसिंग को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
सूरज राय, डीसीपी सिटी जोन


एक नजर
आगरा कमिश्नरेट में थाने
47
शहर में थानों की संख्या
18
कमिश्नरेट में जोन की संख्या
03
-पूर्वी जोन, नगर जोन, सिटी जोन