- प्रारंभिक जांच में हुई पुष्टि, 150 लोग आए चपेट में

- आसपास के गांवों में भी पाए गए हैजा के लक्षण, लखनऊ से आज आएगी टीम

- कालोनी से छह बच्चे और पहुंचे जिला अस्पताल, एक आगरा रेफर

मथुरा: टाउनशिप स्थित कांशीराम कालोनी में गुरुवार को हुई दो बच्चों और एक महिला की मौत का कारण हैजा निकल कर आया है। हैजा के लक्षण बाद गांव, औरंगाबाद और आजमपुर में भी पाए गए हैं। शनिवार को लखनऊ से विशेषज्ञों की टीम मथुरा आ रही है। इस बीमारी के कारण करीब 150 लोग इसकी चपेट में आ गए हैं। बीमारों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। चिकित्सकों की टीम कालोनी में कैंप किए हुए हैं। लखनऊ से विशेषज्ञों की टीम शनिवार को आ रही है। शु्क्रवार को प्रमुख सचिव खाद्य हेमंतराव ने भी मथुरा पहुंच पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। इसी बीच कालोनी से शुक्रवार को छह अन्य बच्चे भी जिला अस्पताल लाए गए। इनमें से एक को आगरा रेफर कर दिया गया।

बुधवार को काशीराम कॉलोनी में दूध और मिड-डे-मील का वितरण किया गया था। रात में ही बच्चों की तबियत बिगड़ गई थी। जीशान और कीर्ति नाम के दो बच्चों की मौत हो गई थी। गुरुवार दोपहर बाद आंगनबाड़ी कार्यकत्री की भी मृत्यु हो गई थी। इस हादसे से प्रशासन में हड़कंप मच गया था और आनन-फानन में बीमारों को जिला अस्पताल, स्वर्ण जयंती और नयति अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक व्यक्ति को इलाज के लिए आगरा एसएन अस्पताल रेफर दिया गया। रात तक बीमारों की संख्या बढ़ती गई और शिशु और वृद्ध भी बीमारी की चपेट में आ गए थे। पहले अक्षय पात्र संस्था द्वारा वितरित किए गए दूध और मिड-डे-मील के सेवन से तीनों मौतों का कारण बताया जा रहा था, पर दूध जिले के अन्य स्कूलों में बांटा गया था और वहां से कोई शिकायत भी प्राप्त नहीं हुई है। इसलिए लोगों के बीमार पड़ने के कारणों की जांच के लिए दूध, मिड-डे-मील और पानी के नमूनों की जांच कराई जा रही है। इसी बीच गुरुवार को दूध पीकर बीमार हुए बच्चों में से 29 बच्चों का जिला अस्पताल में शुक्रवार सुबह तक इलाज चला। गुरुवार को यहां 23 बच्चे लाए गए जबकि छह और बच्चे शुक्रवार को यहां आए। इन बच्चों में से चार को हालत खराब देखकर आगरा भेज दिया गया। उधर, कालोनी में गुरुवार रात दस बजे तक डॉक्टरों ने घर-घर जाकर मरीजों का

डीएम राजेश कुमार ने बताया कि बीमारों की तीनों ही अस्पतालों में स्टूल की अलग-अलग जांच कराई गई थी। जांच रिपोर्ट में हैजा के लक्षण पाए गए हैं। करीब 150 लोग बीमारी की चपेट में आ गए हैं। स्थिति नियंत्रण में हैं। जांच रिपोर्ट से पता चला है कि कालोनी में आपूर्ति हो रहे पानी में टीडीएस की मात्रा सही पाई गई है, जबकि नाइट्रोजन बढ़ा हुआ है। ओवरहैड टंकी साफ मिली। सप्लाई के पाइप लाइनों के लीकेज के लिए खुदाई का काम जारी है। मैनपाइप लाइन ठीक है, जबकि जोड़ों के स्थान पर पाइपलाइन गल गई है। उसे ठीक कराया जा रहा है। पानी में बैक्टीरिया की जांच कराने को लखनऊ विशेष संदेशवाहक को भेजा गया है। लखनऊ से विशेषज्ञों चिकित्सकों की टीम शनिवार की सुबह मथुरा आ जाएगी। खोला अस्थायी अस्पताल:: कांशीराम कॉलोनी में बीस बैड का अस्थायी एक अस्पताल भी खोल दिया गया। जिले भर के डॉक्टर्स का अलर्ट कर दिया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है.दवा पर्याप्त मात्रा में मंगा ली गई है। जिला अस्पताल में भी हैजा के निपटने के इंतजाम कराए जा रहे हैं। हालातों से लखनऊ को अवगत करा दिया गया है।

इन गांवों में भी हैजा

डीएम ने बताया कि बादगांव, औरंगाबाद, नौरंबाद, आजमपुर में भी हैजा के लक्षण पाए गए हैं, लेकिन सभी स्थानों पर स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है।