AGRA: एशिया के सबसे पुराने अस्पतालों में शुमार एसएन मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार किस कदर अपनी जड़ें मजबूत कर चुका है इसकी बानगी देखिए। यदि किसी को बिना चोटिल अपना मेडिकल सर्टिफिकेट बनाना हो तो यहां आसानी से मोटी रकम देकर सर्टिफिकेट मिल सकता है। इसकी ऑडियो क्लिप अस्पताल के ही लोगों ने तैयार कर ली है। इसमें एक इएमओ और एक डॉक्टर फंस रहे हैं।

ऑडियो टेप में कैद 'खेल'

टेप में लगातार दलाल और डॉक्टर की बातचीत को साफ लफ्जों में सुना जा सकता है। टेप में बातचीत के जरिए फर्जी मेडिकल की बात चल रही है। इतना ही नहीं एक मेडिकल के लिए 30 से 35 हजार रुपए तक वसूलने का जिक्र भी है। पहले पकड़ा था, लेकिन कार्रवाई निल मौजूदा वर्ष की फरवरी में तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ। एसके गर्ग ने इमरजेंसी का तत्कालीन दौरा किया था। इस दौरान ईएमओ को फर्जी मेडिकल करते हुए मिले। डॉ। गर्ग ने ईएमओ से स्पष्टीकरण मांगे। इसके अलावा प्रिंसिपल ने लखनऊ में स्वास्थ्य सचिव को भी जानकारी दी और स्थानान्तरण की मांग की। यही नहीं कॉलेज प्रबंधन की बेबसी एक जगह और नजर आती है। इमरजेंसी में ही मौजूद एक और बहुचर्चित डॉक्टर पर भी वे कार्रवाई नहीं करा पा रहे हैं। प्रिंसिपल ने चिकित्सा सचिव को अंतिम बार जुलाई में पत्र लिखा था। पत्र में यह भी जिक्र किया गया है कि इस क्रम में सचिव से लगातार अनुरोध करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

डॉक्टर और दलाल के बीच बातचीत

दलाल - सर नमस्कार।

डॉ। - नमस्कार

दलाल - सर ड्यूटी पर हो क्या आज?

डॉ। - हां, ड्यूटी पर हूं।

दलाल - सर एक क्लाइंट बैठा है।

डॉ। - कौन सा क्लाइंट

दलाल - सर मलपुरा में कोई झगड़ा हो गया है वहां बैठे हैं।

डॉ। - देखना होगा मुझे, मेरे पास तो आई नहीं ऐसी कोई सूचना।

दलाल - हां, सर वो बैठे हैं। एक हाफ पेटी छाप दो और मेडिकल कर दो।

डॉ। - देख लूंगा, नाम क्या है?

दलाल - मरीज का नाम बताता है।

डॉ। - ठीक है देख लूंगा।

(ऐसी कई ऑडियो की सीडी आई नेक्स्ट के पास उपलब्ध हैं।

आई नेक्स्ट के पास मरीजों से बात करते हुए उनकी कई एसी ऑडियो क्लिप्स हैं, जिनमें वे मेडिकल के लिए मोल-भाव कर रहे हैं। सिर्फ एक-दो नहीं कई ऐसे केस हैं जिनमें फर्जी मेडिकल के एवज में हजारों रूपये की वसूली के साक्ष्य मिलते हैं।