आगरा(ब्यूरो)। हाईवे पर अव्यवस्थाओं की रोकथाम के लिए मीटिंग के दौर चल रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं बदल रहा है। इस संबंध में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने मंगलवार को हाईवे का रियल्टी चेक किया गया। इसमें ऐसी खामियां सामने आई, जिन्हें जुगाड़ से फिट किया गया है।

दुर्घटना का शिकार होते छोटे वाहन चालक
नेशनल हाईवे-19 पर छोटे वाहनों का चलना सुरक्षित नहीं हैं। भगवान टॉकीज फ्लाईओवर पर सरकारी व गैर सरकारी बसें डग्गेमारी के लिए खड़ी रहती हैं। लॉयर्स कॉलोनी कट, कौंशलपुर कट, आईएसबीटी पर हाईवे किनारे बसें खड़ी रहती हैं। वहीं गुरु का ताल के सामने हैवी वाहनों के चलते जाम रहता है, ऐसे मेें खुले मेन होल, भ्रमित करते साइनेज, रैलिंग को पत्थर रख पाटना, हादसे को दावत दे रहा है, ऐसे में छोटे वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। कई बार बाइक, ऑटो चालकों की मौत भी हो चुकी है।

जुगाड़1 गुरुद्वारा
प्लास्टिक का ड्रम लगा बनाया गया साइनेज
नेशनल हाईवे पर अव्यवस्था के चलते आप कभी भी दुर्घटना का शिकार हो सक ते हैं, इसमेें जान का खतरा भी है। नेशनल हाईवे अथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा आगरा-दिल्ली हाइवे पर अव्यवस्थाओं को बेहतर करने पर काम किया जा रहा है लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा नहीं हैं, एनएच-19 गुरुद्वारा के सामने फ्लाईओवर से नीचे आते समय यूटर्न के लिए साइनेज की जगह प्लास्टिक के ड्रम का यूज किया गया है, फ्लाईओवर से उतरते और चढ़ते समय किसी प्रकार का साइनेज नहीं है।

जुगाड़2 आईएसबीटी
डिवाइडर का काम कर रहे सीमेंट के टूटे पत्थर
एनएच-19 पर आईएसबीटी से खंदारी के लिए जाने वाले रोड, जहां हाईवे की मुख्य सड़क और सर्विस रोड के बीच डिवाइडर की जगह टूटे सीमेंट के पत्थरों को लगाया गया है, इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, छोटे वाहन तो टकराने अनियंत्रित होते हैं, बड़े वाहन भी यहां अक्सर दुर्घटना का शिकार होते हैं। संबंधित विभाग को शायद बड़े हादसे का इंतजार है।


जुगाड़3 हाईवे, फ्लाईओवर
रैलिंग तोड़कर रख दिए सिलेव
हाईवे पर फ्लाई ओवर से नीचे आते समय सर्विस रोड और मुख्य रोड के बीच पांच बाई आठ का गहरा मेनहोल है, जो काफी दिन से खुला पड़ा था, नेशनल हाईवे अथोरिटी ऑफ इंडिया ने हाल ही में टूटी पड़ी रैलिंग तोड़कर मेनहोल को कवर किया, इसके दो पत्थर के सिलेव से उसे कवर कर दिया गया है, ऐसे में अगर कोई वाहन उसके ऊपर से यूटर्न लेता है तो निश्चित रूप से दुर्घटना का शिकार हो सकता है।

जुगाड़4
यहां तो मेनहोल हैं जानलेवा
हाईवे पर बने मेनहोल अधिकतर छोटे वाहनों के लिए खतरनाक हैं, खंदारी चौराहे पर आधा खुला मेनहोल छोटे वाहन और पैदल चलने वालों के लिए खतरनाक है। भावना एस्टेट रोड से ठीक पचास कदम पहले एक मेनहोल खुला है, जो पैदल चलने वालों के लिए खतरनाक तो है ही साथ ही बाइक और एक्टिवा के लिए डेंजरस है। कई बार आवारा जानवर भी खुले मेनहोल में गिरकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।

फाइलों में दबे हाईवे के प्रस्ताव
गुरुद्वारा से सिकंदरा चौराहा तक कोई कट नहीं। ऐसे में सैकड़ों वाहन उल्टी दिशा में दौड़ रहे हैं। अराजकता इस कदर है कि हाईवे पर दुपहिया व चार पहिया वाहन आए दिन हादसों का शिकार हो रहे हैं। यह स्थिति तब है जब पिछले तीन साल से हाईवे पर सुगम व सुरक्षित ट्रैफिक के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी ने एनएचएआई, ट्रैफिक पुलिस व अन्य विभागों की कमेटी बनाई थी। कमेटी की सिफारिशें कागजों से बाहर नहीं आ सकीं। हाईवे के सिक्स लाइन प्रोजेक्ट, फुटओवर ब्रिज, अंडर के प्रस्ताव फाइलों में धूल फांक रहे हैं।


-एनएच-19 जनवरी से नवंबर तक दुर्घटना में मौत
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-एनएच-19 जनवरी से नवंबर तक दुर्घटना में घायल
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