ये है नियम

अगर काउंसलिंग हो रही है तो वहां पर आने जाने वालों के लिए बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए, यही नहीं पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। अगर आपका कैंपस काफी बड़ा है तो जगह जगह पर ये लिखा होना चाहिए कहां से लेकर कहां तक नंबर की काउंसलिंग किस गेट या खिड़की पर हो रही है, लेकिन इन सभी चीजों की अनदेखी की जा रही है।

हो चुके हैं हादसे

दो दिन पहले लाइफ साइंस इंस्टीट्यूट में एक लड़की पानी न मिलने और धूप में काफी देर तक खड़े रहने के कारण चक्कर खा कर गिर गई, काफी देर बाद उसको होश आया। कई बार ऐसे केस सामने आए हैं कि बाहर से आए स्टूडेंट्स को उल्टी हुई है। कारण पीने के पानी और बैठने की व्यवस्था नहीं है ।

हुआ है हंगामा

कई बार कंप्लेन की जा चुकी है, यहां तक कि वेडनसडे को कुछ स्टूडेंट्स ने सेठ पदम चंद इंस्टीट्यूट में जाकर टीचर्स से मिले, लेकिन कोई हल नहीं निकाला है। जबकि जो काउंसलिंग फीस ली जाती है उसको बदले में ये सुविधा देनी उस इंस्टीट्यूट की जिम्मेदारी है।

स्टाफ के लिए बीकानेर की थाली

आईईटी खंदारी और यूनिवर्सिटी के कोई भी प्रोग्राम होता उसमें कैटरिंग का काम सिर्फ माना कैटर्स को मिलाता था, लेकिन इस बार पता नहीं क्यों माना का पत्ता साफ हो गया। उसकी जगह स्टाफ को बीकानेर वालों की थाली मंगवाई गई। और स्टूडेट्स के लिए कुछ नहीं।

कुछ प्रॉब्लम हुईं हैं, उनको ठीक कराने के आदेश दे दिए गए हैं। इंस्टीट्यूट के इंचार्ज को ये जानकारी दे दी गई कि कोई एक क्लास रुम खुलवा दिया जाए जिसमें स्टूडेंट्स बैठ सकें। पीने के पानी के लिए आरो को ठीक करा दिया गया है ।

प्रभात रंजन, रजिस्ट्रार यूनिवर्सिटी