आगरा। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म संख्या एक पर आने के लिए एंट्री गेट हैं। इस एंट्री गेट पर गुड्स स्कैनर मशीन लगी हुई है। इसके अलावा दो डोर मेंटल डिटेक्टर लगे हुए हैं। यहां आरपीएफ का सुरक्षा दस्ता मौजूद रहता है। यहां पर एक महिला आरक्षी मौजूद थी। लेकिन कोई चेकिंग नहीं हो रही थी। न ही बैग ब्रीफकेस व अन्य सामान को स्कैन किया जा रहा था। स्कैन मशीन खराब होने का एक नोटिस बोर्ड रखा था, जिस पर लिखा था मशीन खराब है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि फेस्टिव सीजन में अत्यधिक भीड़ में कोई संदिग्ध किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे दे तो कौन जिम्मेदार होगा?

हेल्पबूथ हुआ हेल्पनैस
आगरा कैंट प्लेटफॉर्म पर आरपीएफ और जीआरपी का एक हेल्पबूथ लगा हुआ है। इस पर लिखा है कि 'मे आई हेल्प यूÓ क्या मैं तुम्हारी सहायता कर सकता हूं। लेकिन यहां सन्नाटा पड़ा था। लेकिन पैसेंजर्स की भीड़ उस सन्नाटे को चीर रही थी। वहां न तो जीआरपी थी और न ही आरपीएफ मौजदू थी।

आरपीएफ की मेरी सहेली गायब
आगरा केंट स्टेशन पर आरपीएफ की मेरी सहेली गायब है। मौजूदा समय में केवल मेरी सहेली का बूथ ही नजर आ रहा था। कोई कांस्टेबल नजर नहीं आई। बता दें कि मेरी सहेली कार्यक्रम को शुरु करने के पीछे का उद्देश्य था कि ट्रेवल्स करने वाली किसी महिला पैसेंजर्स को कोई परेशानी हो तो तुरन्त उसकी हेल्प की जा सके।

फर्श पर लेटने को मजबूर पैसेंजर्स
आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के जनरल टिकट विंडो पर लोग लाइन मेें खड़े अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे। ये स्थिति जब है तब कैंट पर टीवीएम लगाई गई हैं। वहीं ट्रेन के इंतजार में परेशान पैसेंजर्स फर्श पर लेटने को मजबूर थे। पैसेंजर्स के बैठने के लिए कोई बैंच या सीट नहीं थी।

स्वचलित सीढ़ी हुई खराब
प्लेटफॉर्म नं। दो पर स्वचलित सीढ़ी खराब पड़ी थी। अप वाली स्वचलित सीढ़ी नीचे से खुली पड़ी थी। वहां कोई देखने वाला नहीं थी। इस कारण पैसेंजर्स को आने-जाने में दिक्कत हो रही थी।

जैसे ही ट्रेन रुकती भीड़ दौड़ पड़ती
स्टेशन पर बैठे सभी को अपने गंतव्य पर जाने की जल्दी थी। जैसे ही कोई ट्रेन स्टेशन पर आकर रुकती तो पैसेंजर्स की भीड़ सीट पाने की जद्दोजहद में ट्रेन की ओर दौड़ पड़ती। बता दें कि दीपावली का त्योहार समाप्त होने पर लोग अपने गंतव्य को लौट रहे हैं। इस बारे में पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि फेस्टिव सीजन में पैसेंजर्स का फुटफॉल बढ़ जाता है। इसके लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। कुछ में एक्सट्रा कोच भी जोड़े गए हैं।

वल्र्ड लेवल स्टेशन पर ये होनी चाहिए सुविधाएं
- पेयजल, टॉयलेट की प्रॉपर व्यवस्था
- मेडिकल स्टोर के साथ पैसेंजर्स के प्राथमिक उपचार की व्यवस्था होनी चाहिए।
- दिव्यांगों के लिए रैंप और व्हीलचेयर की व्यवस्था होनी चाहिए।
- मोबाइल चार्जिंग की सुविधा होनी चाहिए।


ट्रेनों में सीट के लिए मारामारी
ट्रेनों में सीट के लिए मारामारी मची हुई है। सबसे ज्यादा दिक्कत स्लीपर और थर्ड एसी में है। यहां सीट नहीं मिल पा रही हैं। लम्बी दूरी की ट्रेनों मेें वेटिंग लिस्ट बहुत लंबी हैं। 27 अक्टूबर को झेलम एक्सप्रेस में स्लीपर कोच में 55, मालवा एक्सप्रेस में 55 केरला एक्सप्रेस में 18, मंगला एक्सप्रेस में 32, अजमेर-स्यालदाह में 170, राजधानी में 31 की वेटिंग हैं। थर्ड एसी में 31, मालवा में 21, केरला एक्सप्रेस में 7, मंगला एक्सप्रेस में 12, अजमेर-स्यालदाह में 43, राजधानी में 15, पंजाब में 9, ग्रांड ट्रक में 8, पश्चिम एक्सप्रेस में 34 की वेटिंग हैं। ट्रेनों में 31 अक्टूबर तक सीट के लिए मारामारी की स्थिति है। इस बारे में सीएम कमर्शियल मैनेजर व पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि फेस्टिव सीजन में सीटों को लेकर ज्यादा भीड़ रहती है। इसके लिए कुछ विशेष ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।

इन ट्रेनों में नहीं है जगह
- झेलम एक्सप्रेस, मालवा एक्सप्रेस, केरला एक्सप्रेस, मंगला लक्ष्यद्वीप एक्सप्रेस, अजमेर- स्यालदाह एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस, पंजाब मेल, ग्रांड ट्रंक एक्सप्रेस, पश्चिमी एक्सप्रेस, गोवा, जीटी एक्सप्रेस,
क्लास ट्रेन नं 11077 ट्रेन-12919 ट्रेन-12626 ट्रेन- 12618
एसएल 31 12 6 13
थर्ड एसी 11 03 11 8
सेकेंड एसी 3 1 2 2
फस्र्ट एसी - - - -
---------------------------------------
एसएल 34 46 11 43
थर्ड एसी 14 13 1 4
सेकेंड एसी 1 4 उपलब्ध 1
फस्र्ट एसी - - - -
--------------------------------------------
26 अक्टूबर

एसएल 52 51 39 35
थर्ड एसी 31 22 4 12
सेकेंड एसी 12 06 उपलब्ध 5
फस्र्ट एसी - 1 - -


रेलवे किराए के तो पैसे बढ़ा देता लेकिन बुनियादी सुविधाओं की ओर कोई ध्यान नहीं देता है। स्टेशन पर बुनियादी सुविधाएं तो होनी चाहिए। जिम्मेदार अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए
संतोष


कहने को आगरा कैंट स्टेशन को वल्र्ड क्लास का दर्जा प्राप्त हैं, लेकिन उस तरीके की सुविधाएं भी होनी चाहिए। यहां किसी प्रकार का कोई मेडिकल स्टोर नहीं है।
पारस गोयल