- आगरा मंडल में 243 शंटिंग लोको पायलटों का होना है प्रमोशन

- नियमानुसार 60 हजार किमी। गाड़ी चलाने का होना चाहिए अनुभव

- बैक डेट में चहेतों को फिट रखने का किया जा रहा प्रयास

आगरा। रेलवे में शंटिंग लोको पायलट के प्रमोशन में मानकों को ताक पर रखकर खेल करने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों की मानें तो ये पूरा खेल बैक डेट में अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। मंडल में 243 शंटिंग सहायक लोको पायलटों का प्रमोशन किया जाना है। मालगाड़ी का लोको पायलट बनने के लिए शंटिंग सहायक लोको पायलट को 60 हजार किमी। तक या छह महीने शंटिंग सहायक लोको पायलट का अनुभव होना आवश्यक है।

31 दिसम्बर तक होना था प्रमोशन

शासनादेश के अनुसार 31 दिसम्बर 2016 तक प्रमोशन किया जाना था। लेकिन कुछ अधिकारियों ने जून 2016 में कुछ सीनियर लोको पायलटों को लोको पायलट शंटर बना दिया, जिसके चलते वे अपने 60 हजार किमी। की रनिंग पूरी नहीं कर पा रहे हैं। अब उन्हें लोको पायलट की पदोन्नति से वंचित किया जा रहा है।

15 दिसम्बर से वरीयता सूची बनाने की मांग

रेलवे की एनसीआरईएस के पदाधिकारियों की मांग है कि जो शंटिंग सहायक लोको पायलट की वरीयता सूची बनाई जा रही है, उसे नौ सितम्बर की बजाय 15 दिसम्बर तक का समय बढ़ाकर तैयार किया जाए। ऐसा करने से बहुत से शंटिंग सहायक लोको पायलट को प्रमोशन पाने का मौका मिलेगा। उनके शंटिंग के छह महीने का समय पूरा भी हो जाएगा। कुछ के 60 हजार किलोमीटर रनिंग का मानक भी पूरा हो जाएगा। यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि ऐसा करने से 120 शंटिंग सहा। लोको पायलट के बजाय 243 शंटिंग सहा। लोको पायलट को प्रमोशन पाने का मौका मिल सकेगा।