आगरा(ब्यूरो)। नॉर्थ विजय नगर क्षेत्र में टेलीकॉम कंपनी का कार्य चल रहा है। इससे ग्रीन गैस लिमिटेड की पीएनजी लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। क्षेत्रीय निवासी करुणा गुप्ता ने बताया कि शाम की चाय बनाने के लिए किचिन में पहुंचीं तो पता चला कि आपूर्ति बाधित है। इंडक्शन पर चाय और रात का खाना बनाना पड़ा। दिनेश गुप्ता ने बताया कि दो दिन पहले पूरे दिन पीएनजी लाइन बाधित रही थी। इससे पहले भी कई बार बिना सूचना के बाधित रही है। ग्रीन गैस के जिम्मेदार फोन नहीं उठाते, टोल फ्री नंबर भी नहीं उठता है। उपभोक्ताओं को संदेश भेज जानकारी दी जानी चाहिए, जिससे वह वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें। वहीं मानस नगर, चाणक्यपुरी, गढ़ी भदौरिया, मारुति एस्टेट आदि क्षेत्रों में भी दोपहर तीन बजे गैस की सप्लाई ठप हो गई। गैस की सप्लाई सुचारू होने की जानकारी करने के लिए कस्टमर ग्रीन गैस के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करते रहे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। ग्रीन गैस लिमिटेड के मीडिया समन्वयक विनय भारद्वाज ने बताया कि विभिन्न कंपनियों से कई बार कहा गया है कि खोदाई से पहले वे सूचना दें। टीम को साथ भेज दिया जाएगा। एयरटेल के कार्य के कारण लाइन क्षतिग्रस्त हुई, जिसे मरम्मत करा आठ बजे तक आपूर्ति सुचारू करा दी गई है।

नहीं दी जाती है सूचना

पिछले कुछ दिनों से शहर में पीएनजी के साथ सीएनजी की किल्लत के चलते लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी घरेलू कस्टमर को उठानी पड़ती है, जब पीएनजी सप्लाई बाधित हो जाती है। कस्टमर केयर पर भी जवाब नहीं मिलता है। लोग फोन लगाते रहते हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान करने वाला कोई नहीं होता। मंगलवार को भी जब दोपहर में शहर के कई एरियाज में सप्लाई बंद हुई तो लोगों को इस संबंध में कोई सूचना नहीं थी। गढ़ी भदौरिया निवासी विकास ने कहा कि अगर ऐसा पता होता तो वह ग्रीन गैस का पीएनजी कनेक्शन ही नहीं लेते। दिनभर लोग गैस सप्लाई सुचारू होने का इंतजार करते रहे।


दोपहर में अचानक से गैस सप्लाई बंद हो गई। घर का खाना भी नहीं बन सका था। इस संबंध में पहले से कोई सूचना भी नहीं दी गई थी। बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा।
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बिना किसी सूचना के कभी भी गैस सप्लाई बंद कर दी जाती है। ग्रीन गैस कंपनी का रवैया लचर है। कस्टमर केयर नंबर पर कोई जवाब नहीं देता है। इस ओर कंपनी को ध्यान देना चाहिए।
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ग्रीन गैस कंपनी का रवैया लापरवाही भरा है। फोन करने पर जवाब नहीं दिया जाता। अफसर तक भी फोन नहीं उठाते। ग्रीन गैस का कनेक्शन लेकर फंस गए हैं।