- लगातार बारिश से कोयला भीगा, उत्पादन केंद्रों पर नहीं पहुंच रहा

- विद्युत उत्पादन केंद्रों पर बिजली का नहीं हो रहा उत्पादन

आगरा। अभी और पांच दिन आपको बिजली कटौती से दोचार होना पड़ेगा। विद्युत उत्पादन केंद्रों पर कोयले की किल्लत के चलते प्रदेश में अंधाधुंध कटौती की जा रही है। जिसकी चपेट में शहर भी है। शनिवार को भी लोगों को बिजली कटौती से जूझना पड़ा। खदानों में बारिश के चलते पानी भर गया है। काफी मात्रा में कोयला भीग गया है। जिसके कारण विद्युत उत्पादन केंद्रों तक कोयला नहीं पहुंच पा रहा।

खदानों में भरा पानी

एनसीएल की खदानों में पानी भरने से खडि़या, कृष्णशीला, ककरी, बीना, आदि स्थानों पर कोयले का परिवहन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। अनपरा व ओबरा विद्युत उत्पादन केन्द्र की उत्पादन क्षमता 3500 मेगावाट है। मौजूदा समय में उनका उत्पादन 1182 मेगावाट रह गया है। बिजली उत्पादन के लिए तकरीबन 16 हजार टन कोयले की जरूरत होती है।

इनवर्टर भी दे गए जवाब

शनिवार को दिन में भी बिजली की आंखमिचौली का खेल चलता रहा। शाम सवा चार बजे से सवा छह बजे तक पूरे सिटी में ब्लैक आउट रहा। बिजली की अघोषित कटौती के चलते लोगों के इनवर्टर भी चार्ज नहीं हो सके।

सीएम का दावा भी नहीं हुआ पूरा

सूबे के सीएम अखिलेश यादव ने सोनभद्र जिले में तापीय विद्युत परियोजना के लोकार्पण करते समय अपने उद्बोधन में भरपूर बिजली देना का वादा किया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि देहात में 16 और सिटी में 22 घंटे विद्युत आपूर्ति होगी, लेकिन सीएम का ये वादा केवल दावा ही बनकर रह गया।

प्रदेश में गहराया बिजली संकट

कोयले की कमी के चलते पिछले एक सप्ताह से आगरा समेत प्रदेश में बिजली संकट गहरा गया है। शहर से लेकर देहात तक अंधाधुंध अघोषित बिजली कटौती ने लोगों को परेशान कर दिया है। विद्युत आपूर्ति न हो पाने से पेयजल संकट तो गहरा ही गया है, रात से सुबह तक लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हो रही है। अगले पांच दिनों तक इस समस्या से आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद काफी कम है।