एक दशक पहले मिली थी दो बोट

ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था दो भागों में बंटी हुई है। रेड जोन (स्मारक परिसर) में सुरक्षा का दायित्व केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) और यलो जोन (500 मीटर की परिधि) में पुलिस व पीएसी के पास है। यमुना किनारा की तरफ से स्मारक की सुरक्षा व्यवस्था को अभेद बनाने को रिवर पुलिस को तैनात किया गया है। इसके लिए दशहरा घाट पर सुरक्षा चौकी भी बनी हुई है। रिवर पुलिस को यमुना में पेट्रोङ्क्षलग और ताजमहल की सुरक्षा को एक दशक पूर्व दो बोट उपलब्ध कराई गई थीं। इनका नामकरण चंबल और बेतवा नदी के नाम पर किया गया था। चंबल नाम की बोट कंडम हो चुकी है। उसका इंजन भी खोलकर दशहरा घाट पर यमुना किनारे लगी रेङ्क्षलग और पेड़ के बीच में रख दिय गया है। बेतवा नामक बोट का इंजन खराब है, जिसे सही नहीं कराया जा रहा है। यह स्थिति तब है, जबकि ताज सुरक्षा समिति की बैठक हर छह माह के अंतराल पर होती है।

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बीच में बंद हो गया था इंजन

रिवर पुलिस के एक जवान ने बताया, पिछले वर्ष यमुना में वह पेट्रोङ्क्षलग कर रहे थे। नदी के बीच में अचानक बोट का इंजन बंद हो गया था। बड़ी मुश्किल से बोट को किनारे तक लाया जा सका था।

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रिवर पुलिस की एक बोट कंडम हो चुकी है। दूसरी का इंजन सही कराने और दो नई बोट खरीदने के लिए प्रस्ताव सुरक्षा मुख्यालय को भेजा गया है। इसके लिए कई बार रिमाइंडर भी दिए जा चुके हैं।

-सैयद अरीब अहमद, एसीपी ताज सुरक्षा