आगरा। इस बारे में एसीएम प्रथम रामप्रकाश ने बताया कि जो प्रमुख बिन्दु थे इनमें ये देखना था कि जमीन रोडवेज की है या किसी का कब्जा है। कोर्ट में कोई मामला तो विचाराधीन नहीं है। इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है।

इन बिन्दुओं पर किया गया सर्वे
- स्टेशन की जगह का एरिया कितना है।
- जमीन पर किसी का कब्जा तो नहीं है
- कोई मामला कोर्ट में विचाराधीन तो नहीं है।
- स्टेशन की मौजूदा स्थिति क्या है।
- बाउंड्रीवाल तो टूटी नहीं है।
- कहीं अतिक्रमण तो नहीं है।
- मैन पावर और संसाधन की स्थिति
- वर्कशॉप की स्थिति
- जन सुविधाओं की मौजूदा स्थिति

पीपीपी मॉडल पर किए जाएंगे विकसित
इस बारे मेें एआरएम जयकरन सिंह ने बताया कि आईएसबीटी का सर्वे किया गया है। इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है। इस बस स्टेशन को पीपीपी मॉडल प्राइवेट पाटर्नरशिप पर विक सित किया जाएगा। इस दौरान पेसेंजर्स को उच्च गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि एक ही छत के नीचे सभी प्रकार की सुविधाएं पेसेंजर्स को मिल सकेंगी। इसमें नीचे बेसमेंट में इसको तैयार किया जाएगा। ऊपर बसों का संचालन होगा। इसको नए रुप में विकसित किया जाएगा। तीनों स्टेशनों का दोबारा निर्माण किया जाएगा। बेसमेंट से लेकर ऊपरी तीन से पांच मंजिल तक तैयार किया जाएगा।

ये सुविधाएं होंगी विकसित
- हाईटेक टॉयलेट
- बैठने के लिए बेंच, कुर्सी
- रेस्टेरेंट कॉफी हाउस
- मल्टीप्लैक्स की सुविधा
- फूड प्लाजा की सुविधा
- आलीशान गेट
- साइनेज बोर्ड
- स्नानागार
- स्टे रूम
- चार्जिंग प्वाइंट
- स्टे रूम
- विभिन्न प्रकार की लाइट

इसलिए पीपीपी मॉडल
सरकार बस स्टेशनों का इसलिए पीपीपी मॉडल पर देना चाहती है, ताकि पेसेंजर्स को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो सकें। बता दें कि बस स्टेशन पर पेसेंजर्स को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मुहैया हो सकेंगी।