आगरा। नेशनल चैंबर आफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स ने मुयमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर मथुरा से आगरा तक यमुना में डीसि¨ल्टग कराने की मांग की है। चैंबर ने मथुरा से आगरा के बटेश्वर तक रिवरफ्रंट डवलपमेंट कराने की भी मांग की है।

हाल ही में एनजीटी जताई चिंता

चैंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि दो अगस्त, 2019 को चैंबर के प्रतिनिधिमंडल ने मुयमंत्री से उनके कार्यालय में मुलाकात कर यमुना की दुर्दशा की ओर ध्यान आकृष्ट किया था। मुयमंत्री ने आगरा में लगे प्रतिबंधों पर सकारात्मक कार्रवाई सरकार द्वारा करने की बात कही थी। हाल ही में यमुना में बढ़ती गंदगी पर नेशनल ग्रीन ट्रियूनल (एनजीटी) ने ¨चता जताई है। एनजीटी के साथ समन्वय स्थापित कर यमुना को साफ किया जा सकता है। कीचड़ की सफाई का काम खनन की श्रेणी में नहीं आता है। देश की अन्य नदियों में सफाई का काम ड्रेजर मशीनों द्वारा किया जा रहा है। चैंबर के नागरिक सुविधा, शहरी विकास एवं सड़क यातायात प्रकोष्ठ के चेयरमैन सीताराम अग्रवाल ने बताया कि मथुरा से आगरा और बटेश्वर तक यमुना किनारे कई धार्मिक व पर्यटन स्थल हैं, जिनमें सूर सरोवर पक्षी विहार, सूरकुटी, रेणुका धाम, पश्चिमाई, कैलाश महादेव मंदिर, बल्केश्वर महादेव मंदिर, एत्माद्दौला, हाथीघाट, ताजमहल और बटेश्वर के शिव मंदिर प्रमुख हैं। रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कर जल यातायात से पर्यटन के विकास के साथ-साथ तीर्थ यात्रा के विकास की असीमित संभावनाएं हैं। रिवरफ्रंट डेवलपमेंट योजना को शीघ्र मूर्त रूप दिया जाए। इसके लिए यमुना में स्वच्छ जल होना आवश्यक है।

आगरा भेजी जाएं ड्रेजर मशीन

सीताराम अग्रवाल ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व चैंबर के अनुरोध पर यमुना में डीसि¨ल्टग को एक ड्रेजर मशीन लखनऊ से आगरा भेजी गई थी। पूर्ववर्ती सरकार ने गोमती नदी को प्राथमिकता देते हुए मशीन वापस मंगा ली थी। मशीन को आगरा भेजा जाए, जिससे डीसि¨ल्टग का काम शीघ्र व तीव्र गति से हो सके।

ये होंगे फायदे

नदी में पानी रहेगा और इससे यमुना के किनारे हरियाली बनी रहेगी।

पर्यटक एवं तीर्थयात्री यमुना में जल यातायात के लिए आकर्षित होंगे।

यमुना की तलहटी से उड़ने वाले धूल कणों पर रोक लगने से पर्यावरण में सुधार होगा।

इससे लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो सकेंगे।

इससे 200 किमी क्षेत्र में जनता लाभान्वित होगी।