- पोस्ट ऑफिस में नहीं मिल रहे दस रुपए के पोस्टल ऑर्डर
- आरटीआई एक्टिविस्ट को हो रही है प्रॉब्लम
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AGRA.'मैडम, आरटीआई वाला दस रुपए का एक पोस्टल ऑर्डर दे दीजिए.' 'क्या दस वाला पोस्टल ऑर्डर नहीं है.' 'कब तक मिल जाएगा मैडम?' 'क्या कहें, पता नहीं कब मिल पाएगा। वैसे ये दस रुपए वाला पोस्टल आर्डर यहां कम ही आता है.' 'एक-दो दिन में आ सकता है.' 'मैंने बताया ना कि दस वाला आ गया तो आ गया, नहीं तो ये कम ही आता है.' थर्सडे को यह संवाद हमारे आई नेक्स्ट रिपोर्टर और नगर निगम कैम्पस में स्थित पोस्ट ऑफिस में विंडों पर बैठी पोस्टल डिपार्टमेंट की महिला कर्मचारी के बीच हुआ। असल बात ये है कि पोस्ट ऑफिसेस में आरटीआई वाले दस रुपए वाले पोस्टल ऑर्डर आ ही नहीं रहे हैं। ऐसे में आम जनता कैसे सूचना प्राप्त करे।
फिर कैसे मिलेगी सूचना?
सवाल यह उठता है कि भला जब आरटीआई एक्ट के प्रोवीजन्स के अंतर्गत सूचना मांगने के लिए एप्लीकेशन के साथ दस रुपए का पोस्टल ऑर्डर लगाए जाना पोस्ट ऑफिसेज में मिल ही नहीं रहा तो ऐसे में भला शहर का कोई बाशिंदा सूचना मांगे तो कैसे मांगे? यह सिचुएशन तब है जबकि कांग्रेस के सर्वेसर्वा राहुल गांधी आरटीआई को केंद्र सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते-बताते थक नहीं रहे हैं।
हर जगह है यही हाल
दस रुपए का पोस्टल ऑर्डर ना रखकर सूचना के अधिकार (आरटीआई एक्ट ख्00भ्) को पलीता नगर निगम कैम्पस में स्थित पोस्ट ऑफिस ही नहीं लगा रहा बल्कि न्याय का मंदिर यानि कि दीवानी कचहरी, आवास विकास कॉलोनी, सिकंदरा, यमुना ब्रिज आदि सिटी के तमाम पोस्ट ऑफिसेज में भी दस रुपए का पोस्टल ऑर्डर मांगने पर ना ही बोला जा रहा है। जिसकी वजह से आरटीआई एक्टिविस्ट को खासी दिक्कतें हो रही हैं।
नहीं लेते कैश
आरटीआई एक्ट ख्00भ् के प्रोवीजन्स के अंतर्गत कायदा यह भी है कि पोस्टल ऑर्डर की जगह संबंधित डिपार्टमेंट में सूचना के लिए लिखी एप्लीकेशन के साथ दस रुपए कैश जमा कर लिए जाएं। लेकिन ऐसा हो तो कतई नहीं रहा है। जब भी कोई व्यक्ति दस रुपए कैश के साथ एप्लीकेशन सरकारी बाबू को देता है तो बाबू उस एप्लीकेशन को रिसीव करने के बजाय दस रुपए का पोस्टल ऑर्डर लगाने का डायरेक्शन देकर सूचना मांगने वाले को चलता कर देता है।
जानबूझकर तो नहीं हो रहा ऐसा
कहीं सरकार जानबूझकर आरटीआई योजना को पीछे से पलीता तो नही ंलगा रही है। कारण ये भी हो सकता है कि कुछ ही महीनों में चुनाव आने वाले हैं। लगातार आरटीआई से सरकार की मुश्किलें ही खड़ी होंगी। इससे तो अच्छा है आरटीआई के पोस्टल आर्डर ही नहीं भेजे जाएं। तो लोग कैसे आरटीआई कर पाएंगे।
'आरटीआई की एप्लीकेशन के साथ लगाने के लिए दस रुपए का पोस्टल ऑर्डर सिटी के तमाम पोस्ट ऑफिस में नहीं मिल रहा है। इस वजह से सूचना मांगने में बहुत प्रॉब्लम आ रही है.'
ओमप्रकाश, आरटीआई एक्टिविस्ट
'किसी भी पोस्ट ऑफिस चले जाओ, शायद ही एकाध ऐसा हो जहां दस रुपए वाला पोस्टल ऑर्डर मिल जाए। नहीं तो जिस भी पोस्ट ऑफिस की विंडों पर जाकर इसकी मांग करो तो मना ही कर दिया जाता है। जब दस रुपए का पोस्टल ऑर्डर मिल ही नहीं रहा तो आरटीआई का क्या होगा?'
नरेश कुमार पारस, आरटीआई एक्टिविस्ट