आगरा(ब्यूरो)। हरीपर्वत के घटिया क्षेत्र में सर्राफ मुकुल गोयल के साथ लूट की घटना नहीं हुई थी। सबूत इकट्ठा करने के बाद पुलिस ने जब इन्क्वॉयरी की तो सर्राफ ने सारा सच उगल दिया। पुलिस को बताया कि कर्जा होने पर उसने लूट का ड्रामा किया था। सर्राफ के माफी मांगने पर पुलिस ने उसे छोड़ दिया।

इस तरह लूट की रची कहानी
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस विकास कुमार ने बताया कि 20 मार्च को पश्चिमपुरी सिकंदरा निवासी सर्राफ मुकुल गोयल ने हरीपर्वत थाने पर तहरीर दी थी। पुलिस को बताया कि 18 मार्च की शाम सात बजे किनारी बाजार से घर आते समय दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। उनसे 60 ग्राम सोने के जेवरात लूट लिए और विरोध करने पर तमंचा तान दिया।

सीसीटीवी में नहीं मिले लूट के प्रूफ
प्रभारी निरीक्षक अरङ्क्षवद कुमार को जांच के निर्देश दिए गए। चार पुलिस टीमों ने किनारी बाजार से पश्चिमपुरी तक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी। इससे पता चला कि व्यापारी ने जिस समय की घटना बताई, वह घर पहुंच गया था। वह एमजी रोड से घर गया था। सेंट पीटर्स मार्ग की घटना बताई, वह उस रास्ते से नहीं गया था। इसके बाद पुलिस ने सर्राफ से पूछताछ की। उसने पुलिस को बताया कि करीब साढ़े तीन लाख रुपये कर्जा हो गया था। इसलिए लूट का ड्रामा किया, ताकि लेनदार तकादा न करें।