- एन वक्त पर रालोद को दिया झटका

- नामांकन वापसी के बाद से समर्थक असमंजस में हैं

आगरा। पार्टी बदल ने चौधरी बशीर को महारथ हासिल है। दक्षिण विधानसभा से चौधरी बशीर ने नामांकन किया था। अचानक ही उन्होंने पार्टी को बगैर विश्वास में लिए ही नामांकन वापस ले लिया। उनके इस फैसले से उनके समर्थकों के साथ ही पार्टी नेता भी अचंभित रह गए। उनके नामांकन वापसी के बाद से तरह तरह की बातें सुनने को मिल रही हैं।

चार दिन पहले ही रालोद का थामा था दामन

चौधरी बशीर बसपा से पहले सपा में भी रहे हैं। कई बार इन्होंने ये पार्टी छोड़ी हैं और वापसी भी की है। इसके बाद फिर से उन्होंने बसपा में वापसी के प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। बसपा ने जुल्फिकार अहमद भुट्टो को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। चौधरी बशीर ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर दिया। इसके बाद इन्होंने रालोद का दामन थाम लिया। नामांकन की वापसी के वक्त अचानक एन वक्त पर इन्होंने पर्चा वापस ले लिया।

बसपा का दूंगा साथ

नामांकन वापसी का कारण उन्होंने बताया कि बसपा नेतृत्व के कहने पर नामांकन वापस लिया है। उन्होंने साफ कहा कि वे बसपा प्रत्याशी जुल्फिकार अहमद भुट्टो के लिए प्रचार करेंगे। उनके इस निर्णय का उनके समर्थक विरोध भी कर रहे हैं। वहीं रालोद नेताओं में उनके निर्णय के बाद से असंतोष है। युवा रालोद के मंडल अध्यक्ष मानव चौधरी ने कहा कि यह निर्णय उनका गलत है। उन्होंने पार्टी के साथ धोखा किया है।