आगरा। शहर में 286 एमएलडी वेस्ट हर रोज निकलता है। इसमें केवल 140 एमएलडी वेस्ट ही ट्रीट हो पा रहा है। 146 एमएलडी सीेधे तौर पर यमुना में गिराया जा रहा है। इनके कंधों पर इनकी जिम्मेदारी है। वे ही इसको गंदा करवा रहे हैं। यमुना अपस्ट्रीम में 7 बड़े डे्रनेज हैं। इसमें मंटोला डे्रन से 123 एमएलडी वेस्ट यमुना में गिर रहा है। वहीं वाटर वक्र्स से 26 एमएलडी वेस्ट यमुना में गिर रहा है। कहने को शहर में 9 एसटीपी है, लेकिन तीन एसटीपी काम नहीं कर रही है। आठ एसटीपी की वेस्ट वाटर शोधन की क्षमता 220.75 एमएलडी है। ऐसे में बड़ा सवाल ये हैं, कि शहर में हर रोज 286 एमएलडी वेस्ट वाटर उत्पन्न हो रहा है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अपनी क्षमता के अनुरुप काम नहीं कर पा रहे हैं। इसका बड़ा कारण सीवेज एसटीपी और पंपिंग स्टेशनों की मॉनीटरिंग न हो पाना बताया जा रहा है।

नगला बूढ़ी का एसटीपी बंद मिला
बुधवार को यमुना एक्शन प्लान और सीवर मैनेजमेंट का काम देख रही बवाग कंपनी से दावा भी फेल साबित हुआ। जब दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम ने नगला बूढ़ी एसटीपी का मौके पर जायजा लिया। इस एसटीपी से 2.50 एमएलडी वेस्ट का ट्रीट किया जाने का दावा किया जा रहा था। बुधवार को ये एसटीपी बंद मिला। यहां न तो कोई ऑपरेटर मिला न ही अन्य कोई कर्मचारी। एसटीपी के प्लांट से पीछे से दीवार तोड़कर सीवर बहाने के लिए होल कर रखा है। इसको बिना ट्रीट किए सीधे यमुना में गिराया जा रहा है।


आठ जोन में बंटा है शहर का सीवेज प्रबंधन
नॉर्थन जोन, वेट जोन, साउथ जोन थर्ड, साउथ जोन सेकेंड, ईस्ट जोन, ताजगंज जोन, सेंट्रल जोन


एसटीपी का नाम कैपेसिटी एमएलडी में करंट ऑपरेटिंग एमएलडी में
धांधूपुरा 78.00 70.00
पीलाखार 10.00 9.50
नगला भूरी 2.25 3.50
जगनपुर 14.00 12.00
देवरी रोड 12.00 7.00
बिचपुरी 40.00 18.00
धांधूपुरा 24.00 18.00
बिचपुरी एडीए 36.00 3.00
कालिन्दी विहार 4.50 2.50
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कुल 220.75 एमएलडी 143.50