- कानपुर, मैनपुरी, मथुरा सहित कई क्षेत्रों की गाडि़यों की कमी

आगरा। जिले के बाहर जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वे अपने गंतव्य तक जाने के लिए बसों का घंटों-घंटों इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद भी बसें नहीं मिल रही हैं। ये हालात अगले तीन दिनों तक बने रहेंगे, क्योंकि अधिकांश सरकारी बसों को चुनावी ड्यूटी पर लगा दिया गया है।

12 फरवरी तक रहेगी परेशानी

पहले चरण में 11 फरवरी को 15 जिलों में मतदान होने हैं। इसके लिए जिले के बाहर पोलिंग पार्टियों और फोर्स को बूथों तक पहुंचाने के लिए सरकारी बसों की मदद ली जा रही है। इसके लिए जिले की ही सौ से अधिक बसों को ड्यूटी के तहत भेजा जा चुका है। इससे सामान्य दिनों की तरह रूटों पर दौड़ने वाली बसों में कमी आ गई है। इससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्हें घंटों इंतजार के बाद भी बसें नहीं मिल रही हैं। एक-दो बस दौड़ भी रही हैं, तो वे आउट स्टैंडिंग चल रही हैं।

कानपुर-मथुरा दोनों रूट प्रभावित

कानपुर जाने के लिए हर आधे से एक घंटे में सरकारी बसें उपलब्ध हैं। ऐसी ही व्यवस्था मथुरा रूट पर है। लेकिन गुरुवार से दोनों रूटों पर बसों की कमी हो गई है। एक या दो बसें घंटों बाद निकल रही हैं। इससे फिरोजाबाद, इटावा, कानपुर, लखनऊ के साथ ही मैनपुरी, अलीगढ़ और मथुरा रोड में जाने वाले यात्रियों को खासी परेशानी हो रही है।

प्राइवेट गाडि़यां भी कम

सड़क पर प्राइवेट बस व अन्य वाहन भी कम दौड़ रहे हैं। वाहन संचालकों ने चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए गाडि़यां खड़ी कर दी हैं। कई गाडि़यों को चुनाव में लगाया भी गया है।

13 फरवरी से संचालन

सरकारी बसों की कमी 12 फरवरी तक रहेगी। 11 फरवरी को चुनाव सम्पन्न कराने के बाद गाडि़यों पोलिंग पार्टियों को मुख्यालय तक छोड़ेंगी। ये सिलसिला 12 फरवरी तक चलेगा। 13 फरवरी से सरकारी बसों का संचालन बहाल होगा।