आगरा। डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क अधिकारी डॉ। प्रदीप श्रीधर ने बताया कि नवागत कुलपति आशु रानी द्वारा स्टूडेंट्स की समस्या को ध्यान मेें रख सिग्नल विंडो फिर खोलने का निर्णय लिया है। जिससे बड़े स्तर पर यूनिवर्सिटी में अपनी समस्या को लेकर आने वाले स्टूडेंट्स को राहत मिल सकेगी। सचिव डॉ। विनोद कुमार सिंह द्वारा जारी सुझावों की इस सूची के अनुसार डिग्री व मार्कशीट व सत्यापन कार्य के लिए यूजी और पीजी पटलों को समेकित कर दिया गया है। अब छात्रों को एक मार्कशीट या डिग्री के लिए अलग-अलग पटलों पर जाने की जरूरत नहीं है।

नहीं भटकना होगा सत्यापन को
बीए, बीकॉम, बीएससी की तरह ही यूजी और पीजी पर भी पटलों की संख्या कम कर दी गई है। जिससे छात्रों का काम जल्द से जल्द हो सके। इसके साथ ही परीक्षा के टेबुलेशन चार्टों का डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है, जिससे सत्यापन कार्य में सुविधा हो। सभी रिकॉर्ड सॉफ्ट कॉपी के रूप में भी उपलब्ध रहेंगे। इससे सत्यापन के लिए परिसर में भटकने वाले स्टूडेंट्स को राहत मिल सकेगी। वहीं वर्षों से पेंडिंग सत्यापनों को भी तेजी से निपटाया जाएगा।

परीक्षा कार्यों में तेजी लाई जाएगी
छलेसर परिसर में परीक्षा कार्यों में तेजी लाने के लिए नियुक्त होने वाली कर्मचारियों की टीम को निर्देशित किया गया है कि उनके पटल पर आने वाले सभी प्रकार के प्रकरणों का निस्तारण निर्धारित समय सीमा में हो। इसकी निगरानी के लिए भी जिम्मेदारी दी जाएगी। इससे शत-प्रतिशत कार्य को पूरा किया जा सके।

ऑनलाइन उपलब्ध होंगे प्रमाण पत्र
इस साल से छात्रों को ऑनलाइन डिजिटल मार्कशीट प्रदान की जा रही है, जिससे छात्र किसी भी कंप्यूटर केंद्र से डाउनलोड कर शैक्षिक प्रयोग कर सकते हैं। मार्कशीट के लिए छात्रों को यूनिवर्सिटी आने की जरूरत नहीं होगी। परीक्षा फॉर्म व परीक्षा फीस जमा करने के लिए भी ऑनलाइन सुविधा दी गई है। प्रोविजनल प्रमाणपत्र भी ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है।


स्टूडेंट्स की बेहतरी के लिए सुझाव मांगे गए हैं, इसमें सिग्नल विंडो पर सभी तरह की समस्या का समाधान किया जाएगा। इससे दूर-दराज से आने वाले स्टूडेंट्स को राहत मिल सकेगी, वहीं यूनिवर्सिटी परिसर में एक पटल से दूसरे पटल के चक्कर नहीं स्टूडेंट्स को नहीं लगाने पड़ेंगे।
- आशु रानी, कुलपति डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी