आगरा (ब्यूरो)। शनिवार को असम की फिल्म मुझे स्कूल नहीं जाना को काफी पसंद किया। स्टूडेंट्स ने फिल्म देखने के दौरान तालियां बजाईं। वहीं पुणे की फिल्म वंश को देखते हुए दर्शकों की आंखें नम हो गई। फिल्म मानवता का संदेश दे गई। वहीं हेमा रेगीनाल्ड और अबनीर रेगीनाल्ड की मुंबई से आई फिल्म गोदान को साहित्यकारों एवं लेखकों ने फिल्म को खूब प्यार दिया। अमेरिका से द लैंड ऑफ अहिंसा, कर्नाटक से ठरिणी, नानेकोदे और इजराइल से इट्स रैप फिल्मों ने दर्शकों को तालियां और खड़े होकर सम्मान दिया। विसर्जन फिल्म ने बेटी बचाओ का संदेश देकर एक सार्थक छाप छोड़ी।

दर्शकों ने किए पूछे सवाल
दर्शकों ने हर फिल्म के बाद फिल्ममेकर्स से सवाल जवाब किए, ये सेशन बहुत ही रोचक था। फेस्टिवल डायरेक्टर सूरज तिवारी ने बाहर से आए हुए फिल्ममेकर्स का स्वागत किया और रविवार को होने वाली फिल्मों की स्क्रीनिंग के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही अवॉर्ड नाइट के बारे में भी बताया।

विदेश से आए फिल्म मेकर्स
फिल्म फेस्टिवल में फ्रांस से आई मेरिन बोर्गो, बांग्लादेश के सहादत सागर के अलावा शहर के साहित्यकार संस्कृति कर्मी राजीव सिंघल, अरविंद गुप्ता, मंगल सिंह धाकड़, नितिन गोयल आदि उपस्थित रहे।

इनका हुआ सम्मान
इस दौरान ऑल सेंट स्कूल के चेयरमैन डॉ। त्रिलोक सिंह राना, सनफ्लॉवर स्कूल की प्रिंसिपल शुभी दयाल, अनिमेष दयाल, रत्नमुनि जैन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। अनिल वशिष्ठ को फेस्टिवल डायरेक्टर सूरज तिवारी और फेस्टिवल पैट्रन रंजीत सामा ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया।


ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का यह पांचवां एडिशन है। इसमें कई देशी-विदेशी फिल्मों की स्क्रीनिंग की जा रही है। अवॉर्ड नाइट भी आयोजित होगी।
- सूरज तिवारी, डायरेक्टर, ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल

फिल्म फेस्टिवल काफी अच्छा है। यहां आकर काफी अच्छा लगा। इसके साथ ही हमने फिल्म भी देखी।
- राहुल, स्टूडेंट

मैैंने मुझे स्कूल नहीं जाना फिल्म देखी। यह काफी अच्छा संदेश देने वाली फिल्म थी। फिल्म फेस्टिवल हर साल होना चाहिए।
- संजय, स्टूडेंट