आगरा(ब्यूरो)। पंचकुइयां पर राजकीय बाल सुधार गृह है, यहां लावारिश बच्चों को आश्रय दिया जाता है। बाल सुधार गृह की संविदा कर्मचारी मंगलवार को कलक्ट्रेट पहुंची, उन्होंने बाल सुधार गृह की अधीक्षिका पूनम पाल पर बच्चों की पिटाई करने, उन्हें परेशान करने के साथ ही कर्मचारियों का भी उत्पीडऩ करने के लिए आरोप लगाते हुए पत्र भी दिया। सोशल मीडिया पर पिटाई का यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया।

मामले की जांच की गई

राजकीय बाल सुधार गृह से संबंधित वायरल वीडियो के जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी के संज्ञान में आने पर इसको जांच के लिए नगर मजिस्ट्रेट आगरा एवं जिला प्रोवेशन अधिकारी को मौके पर भेज कर जांच कराई गई। उन्होंने राजकीय बाल सुधार पहुंचकर संयुक्त निरीक्षण किया गया, इसके बाद मामले की जांच की गई।

बच्ची की शरारत बनी वजह
निरीक्षण के समय संस्था में लगे सीसीटीवी फुटेज देखे गए और बच्चों व उपस्थित कार्मिकों से बातचीत भी की गई। जानकारी में यह सच्चाई सामने आई कि बच्ची गुडिय़ा खेल-खेल में बेड के बॉक्स में खुद को बंद कर लेती थी। सुपरिटेंडेंट ने उसे पहले कई बार समझाया गया था। घटना के दिन गुडिय़ा ने अपने आप को न केवल बॉक्स में बंद कर लिया बल्कि बाहर से कुन्डी लगवा दी। इससे कोई दूसरा बच्चा उसका पता न लगा सके। सुपरिटेंडेंट को इस बात का पता लगने पर उन्होंने बच्ची की पिटाई की बाल गृह में इस समय 28 बच्चे है। जांच में सामने आया कि बच्ची की शरारत से तंग आकर उसके साथ मारपीट की गई थी।

सुपरिटेंडेंट को किया सस्पेंड निलंबित
जांच में वायरल वीडियो को सही बताया गया है। सुपरिटेंडेंट का व्यवहार छोटी बच्ची के प्रति पद के अनुरूप न होने के कारण उनको राजकीय बाल गृह के वर्तमान पद से हटया गया है।


प्रतिक्रिया ट्विटर
-ये गलत है, ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए, बच्ची के साथ मारपीट ठीक नहीं है।

-बच्ची को समझाया जा सकता है, लेकिन मारपीट कोई विकल्प नहीं है।