आगरा: वैक्सीन की दो डोज के बाद कोरोना वायरस के खिलाफ कितनी एंटीबाडीज बनी, यह जानने के लिए सर्वे शुरू हो रहा है। यह 500 लोगों पर किया जाएगा। इसमें कोविशील्ड और कोवैक्सीन की दो-दो डोज लगवाने वाले 250-250 लोगों के सैंपल लिए जाएंगे।

सर्वे में दो ग्रुप होंगे शामिल

सीएमओ डॉ। आरसी पांडेय ने बताया कि सर्वे में दो ग्रुप लिए जाएंगे। एक ग्रुप में कोविशील्ड की दो डोज लगवाने वाले लोग लिए जाएंगे और दूसरे ग्रुप में कोवैक्सीन की दो डोज लगवाने वाले लोगों को लिया जाएगा। एंटीबाडीज की जांच के लिए लड सैंपल केजीएमयू लखनऊ और एलएलएआरएम, मेरठ भेजे जाएंगे। दोनों डोज लगवाने वालों के 14 दिन बाद की जांच की जाएगी।

कोविशील्ड से बन रही स्पाइक प्रोटीन

एसएन की लड बैंक प्रभारी डा। नीतू चौहान ने बताया कि कोविशील्ड वैक्सीन से स्पाइक प्रोटीन बन रही हैं, इससे कोरोना संक्रमित होने का खतरा कम हो जाता है। वैक्सीन लगने के बाद 132 यूनिट प्रति एमएल से अधिक रोस मशीन से जांच करने पर बननी चाहिए। कोविशील्ड की पहली डोज लगने के 28 दिन बाद 100 से 150 तक एंटीबाडीज बनीं। वहीं, वैक्सीन की दो डोज लगने के बाद 800 से 2000 तक स्पाइक एंटीबाडीज बनी हैं। वहीं जो लोग कोरोना संक्रमित हो चुके थे,उनमें वैक्सीन की दो डोज लगने के बाद 5000 से अधिक एंटीबाडीज बनीं।

कोवैक्सीन से बन रही टोटल एंटीबाडीज

कोवैक्सीन लगवाने पर टोटल एंटीबाडीज बन रही हैं। इसके लिए अभी आइसीएमआर ने गाइड लाइन जारी नहीं की है कि एंटीबाडीज का निन स्तर कितना होना चाहिए, जिससे कोरोना संक्रमण से बच सकते हैं।