आगरा। परीक्षा परिणाम जानने को लेकर विद्यार्थियों से लेकर शिक्षकों तक में बेचैनी दिखी। इसलिए विद्यार्थी अपने साथ अपने साथियों का परिणाम देखने की जद्दोजहद में जुटे रहे। अपने प्रवेश पत्र निकाल कर परिणाम देखा, फिर दोस्तों के परिणाम से आंकलन किया। जिनका परिणाम साथियों से बेहतर रहा, वह खुशियां मनाने में डूब गया, जबकि मनमाकिफ परिणाम न आने पर कुछ मायूस भी नजर आए।

स्कूलों को हुई थोड़ी मुश्किल
इस बार बोर्ड ने स्कूलों को एक साथ परिणाम जारी नहीं किया। इस कारण उन्हें एक-एक कर सभी विद्यार्थियों के परिणाम निकालने पड़े, जिसमें काफी समय लगा। जवाहर नवोदय विद्यालय आगरा के 10वीं के 78 और 12वीं के सभी 60 विद्यार्थियों ने सफलता पाई है। वहीं केंद्रीय विद्यालयों का परिणाम भी बेहतर रहा।


छात्राओं ने फिर मारी बाजी
सीबीएसई के परिणाम में जिले में एक बार फिर छात्राओं ने बाजी मारी है। 10वीं में जहां 96.84 प्रतिशत छात्राएं सफल रहीं, वहीं 12वीं में 92.47 प्रतिशत छात्राओं ने सफलता पाई है। सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर रामानंद चौहान ने बताया कि 10वीं में जिले में 14,759 विद्यार्थी पंजीकृत थे। जिनमें से 9,134 छात्र और 5,624 छात्राएं व एक अन्य थे। इनमें से परीक्षा में 14,604 शामिल हुए, जिनमें 9,028 छात्र और 5,575 छात्राएं व एक अन्य थे। 14,045 (96.17 प्रतिशत) विद्यार्थी पास हुए, इनमें 8,645 (95.76 प्रतिशत) छात्र और 5,399 (96.84 प्रतिशत) छात्राएं व एक अन्य शामिल थे। वहीं 12वीं में कुल 12,198 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया, जिनमें 7,468 छात्र और 4,730 छात्राएं थीं। 12,064 परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें 7,363 छात्र और 4,701 छात्राएं थीं। जिले में कुल 10,715 (88.82 प्रतिशत) विद्यार्थी पास हुए, इनमें से 6,368 (86.49 प्रतिशत) छात्र और 4,347 (92.47 प्रतिशत) छात्राएं थीं।

आईएएस बनना है लक्ष्य
सुमित राहुल गोयल मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के आदित्य गौतम के 99.4 प्रतिशत आए हैं। उनके पिता एमएस एमई में असिस्टेंट डायरेक्टर हैं, मां रेनू गौतम गृहणी हैं। आदित्य ने 10वीं में 98.4 प्रतिशत के साथ जिले में दूसरा स्थान पाया था। उन्होंने छह से सात घंटे नियमित पढ़ाई की। एनसीईआरटी और सीबीएसई के सेंपल पेपर लगाए। कोङ्क्षचग से फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ की तैयारी की। जेईई के पहले प्रयास में 99.7 परसेंटाइल आई। वह आईआईटी से इ ंजीनियङ्क्षरग करना चाहते हैं, लेकिन लक्ष्य सिविल सर्विसेज से आईएएस बनना है। वह केंद्र की नौकरी करना चाहते हैं। फुटबॉल और बैडङ्क्षमटन खेलना पसंद है। उनका कहना है कि सभी विषय में संतुलन जरूरी है। प्रैक्टिकल के साथ छह-सात घंटे नियमित पढ़ें।

शिक्षकों से जरूर लें मार्गदर्शन
होली पब्लिक स्कूल के केके नगर निवासी शिव सबलोक के 99 प्रतिशत आए हैं। उनके पिता धर्मेंद्र सबलोक कारोबारी हैं, जबकि मां रोली सबलोक गृहणी हैं। वह आईआईटी से कंप्यूटर साइंस ब्रांच से इंजीनियङ्क्षरग करना चाहते हैं। 10वीं में उनके 86.22 प्रतिशत आए थे। वह बताते हैं कि मैं स्कूल में नियमित रहा। जो भी समस्या होती थी, शिक्षकों से मार्गदर्शन मिलता था। हर महीने होने वाले टेस्ट को भी गंभीरता से लिया। टेस्ट में आने वाले प्रश्नों को समय-समय पर दोहराने की आदत डाली। पिछले सालों के टेस्ट पेपर और सेंपल पेपर हल किए। एनसीईआरटी से पढ़ाई की। उनका क हना है कि प्रदर्शन सुधारने के लिए हर टापिक पर बराबर ध्यान दें। समस्या होने पर तुरंत समाधान तलाशें, बाद के लिए कुछ न छोड़ें।

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कामयाबी के लिए सोशल मीडिया से बनाई दूरी

आगरा। सीबीएसई के टॉपर्स ने न सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी। स्टूडेंट्स का कहना था कि जितना समय वह सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने के दौरान बर्बाद करते, उस टाइम को उन्होंने पढ़ाई में लगाया। इसका असर हुआ कि आज उन्होंने बोर्ड एग्जाम में अच्छे माक्र्स हासिल किए।


सोशल मीडिया पर नहीं अकाउंट
12वीं के एग्जाम मेें जिला टॉप करने वाले आयुष बघेल ने 500 में से 499 नंबर हासिल किए हैं। आयुष का सोशल मीडिया पर अकाउंट तक नहीं हैं। किसी को कॉल करना हो तो पिता के की-पेड फोन का इस्तेमाल करते हैं। इसी तरह 10वीं क्लास में टॉप करने वाली भूमि जैन भी सोशल मीडिया से दूर हैं। जरूरत होने पर पिता के फोन का इस्तेमाल करती हैं। इसी तरह अन्य टॉपर शिव सबलोक ने भी सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी। हाईस्कूल में थर्ड रैंक हासिल करने वाले राघव शर्मा ने बताया कि तैयारी के दौरान सोशल मीडिया पर कम ही एक्टिव रहा। पढ़ाई के बाद शॉट ब्रेक लेकर खुद को रिफ्रेश करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता था। इससे दोस्तों के बारे में भी पता चल जाता था।