आगरा। पुलिस के चुनाव ड्यूटी में बिजी होते ही चोरों की मौज हो गई। चोर अब आसानी से मार्केट व मकानों को निशाना बना रहे हैं। जनवरी में कई वारदातों को अंजाम देने वाला सब्बल गैंग फिर से सक्रिय हो गया। इस बार गैंग ने थाना कोतवाली में तीन दुकानों को निशाना बनाकर कैश बॉक्स खाली कर दिए। पुलिस मुकदमा दर्ज कर चोरों की तलाश कर रही है।

कई दुकानें है मार्केट में

चोरों ने थाना कोतवाली के सेठ गली व लाडो गली में दुकानों को निशाना बनाया। यहां पर लक्ष्मीनरायण की आशा कार्ड, दलजीत सिंह की लकी कार्ड व विष्णु अग्रवाल की द्वारिकेश के नाम से शादी कार्ड की दुकान है। वह रात में दुकान बंद कर घर गए थे। सुबह सवा सात बजे लोगों ने दुकान का शटर उठा होने की जानकारी दी। मौके पर दुकान स्वामी पहुंचे तो शटर उठा था, जबकि ताले लटके हुए थे।

सब्बल गैंग ने की वारदात

शातिर चोरों ने रात में सब्बल से शटर मोड़ा और जैक लगा कर उठा दिया। तीनों दुकानों के कैश बॉक्स खाली हैं। चोर आशा कार्ड से 15 हजार रुपये, लकी कार्ड से 22 हजार रुपये व द्वारिकेश से 12 हजार रुपये ले गए। घटना को लेकर आसपास के लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना था कि यहां पर पहली बार ऐसी वारदात हुई है।

सब्बल गैंग पुलिस के लिए है चैलेंज

नए साल की शुरुआत से ही सब्बल गैंग लगातार शहर में वारदात को अंजाम दे रहा है। सबसे पहले गैंग ने ताजगंज में नंदा बाजार, बिजलीघर शिवाजी मार्केट में वारदात की थी। इसके बाद वारदातों का दौर शुरू हो गया। सब्बल गैंग ने थाना छत्ता में मोती गंज, शारदा मार्केट में तीन दुकानों को निशाना बनाया। साथ ही सीओ कार्यालय के पास भी जनरेटर की दुकान को निशाना बनाया। इस वारदात के ठीक बाद में कोतवाली लुहार गली में कई दुकानों को निशाना बनाया गया।

पुलिस अब तक ट्रेस नहीं कर पाई

सब्बल गैंग को पकड़ने के लिए एक विशेष पुलिस टीम बनाई गई थी, जो रात में बाजारों की गश्त करती। आशंका जताई जा रही थी कि वारदात करने वाले शातिर मतदूरों की तरह रहते हैं। उनके पास सब्बल आदि सामान भी रहते हैं। वह रात में बाजारों के पास फुटपाथ पर सो जाते हैं। मौका पाकर दुकानों में वारदात कर देते हैं।

पुलिस के न होने का उठाया फायदा

सब्बल गैंग ने पुलिस के न होने का पूरा फायदा उठाया है। विधानसभा चुनाव के चलते आधे से अधिक पुलिस बल चुनाव ड्यूटी में बाहर गया हुआ है। ऐसे में चोरों की मौज आना लाजमी है। थाने पर 10 से पांच कर्मचारी ही बचे हैं। इतनी कम संख्या पूरे एरिया पर नजर रख पाने में नाकाफी है। ऐसे में चोर पुलिस के लिए चैलेंज बन गए हैं।