शाम से आ रही थी बदबू
ग्राम प्रधान ङ्क्षपकी देवी ने बताया कि सोमवार शाम से क्षेत्र में दुर्गंध आ रही थी। धीरे-धीरे दुर्गंध बढऩे लगी और आसपास के लोगों को सांस लेने में दिक्कत आने लगी। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत प्रेमनगर थाना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने जांच की तो पता चला एक प्लॉट में क्लोरीन से भरे सिङ्क्षलडर रखे हैं। जिनमें से एक सिङ्क्षलडर से गैस रिस रही है। रात 12 बजे प्लॉट मालिक दीपक गुप्ता को सूचना दी तो उन्होंने केयर टेकर नरेंद्र कुमार को जेसीबी सहित मौके पर भेजा। जेसीबी चालक जैसे ही प्लॉट में घुसा तो उसे गैस चढऩे लगी। उसने काम करने से हाथ खड़े कर दिए और वहां से चला गया।

पहुंचीं तीन फायर ब्रिगेड
इसके बाद पुलिस ने आसपास रहने वाले लोगों को दरवाजे व खिड़कियां पूरी तरह से बंद करने को कहा और फायर ब्रिगेड से संपर्क कर घटनास्थल पर पहुंचने के लिए कहा। इसके बाद सेलाकुई से तीन दमकल वाहन मौके पर पहुंचे। वहीं, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें भी पहुंच गईं। गैस रिसाव बढऩे पर आठ फिट गहरा गड्ढा खोदा गया, जिसमें पानी व चूना भरा गया। इसके बाद जिस सिङ्क्षलडर से गैस रिसाव हो रहा था, उसे गड्ढे में दबाया गया। इसके बाद भी गैस का रिसाव जारी रहा। मंगलवार सुबह एसएसपी अजय ङ्क्षसह भी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्यों में जुटे सुरक्षाकर्मियों को दिशा निर्देश जारी किए।

सीएम ने दिए निर्देश
उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर ङ्क्षसह धामी ने क्षेत्र में क्लोरीन गैस रिसाव की घटना को देखते हुए ऐसी घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने उद्योग एवं श्रम विभाग के अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। औद्योगिक क्षेत्रों में भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो, साथ ही आवासीय क्षेत्रों में ऐसी नुकसानदायक गैसों के भंडारण की भी जांच करने को कहा है।

सिङ्क्षलडर हटाने में बरती जा रही सतर्कता
प्लॉट मालिक ने लंबे समय से प्लॉट में सात सिङ्क्षलडर रखे हुए थे। हर सिङ्क्षलडर में 900 लीटर गैस भरी हुई है। रेस्क्यू टीम सिङ्क्षलडरों को हटाने में सतर्कता बरत रही है। रेस्क्यू टीम का मानना है कि यदि अन्य सिङ्क्षलडरों को हटाने की कोशिश की गई तो उनसे भी गैस रिसाव हो सकता है। इसलिए जिस सिङ्क्षलडर से गैस रिस रही है, पहले उसे डिस्पोज करना जरूरी है।

होश में आए तीनों बेहोश
गैस चढऩे से रात के समय अग्निशमन अधिकारी सेलाकुई अनंतवीर ङ्क्षसह, जेसीबी चालक व बबीता नाम की महिला बेहोश गईं। जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। ग्लूकोज चढ़ाने के बाद के वह होश में आए। प्लॉट मुख्य सड़क के किनारे है, ऐसे में वहां पर किसी को खड़े नहीं होने दिया जा रहा है, क्योंकि गैस का रिसाव लगातार जारी है। सिङ्क्षलडर को डिस्पोज करने के लिए सेलाकुई से तीन दकमल, जबकि देहरादून से दो वाहन मौके पर भेजे गए।

सरकारी ठेकेदार था दीपक गुप्ता
बताया जा रहा है कि दीपक गुप्ता पहले सरकारी ठेकेदार था और उसका पानी का प्लांट था। पानी को साफ करने के लिए वह क्लोरीन का इस्तेमाल करता था। तीन साल पहले उसने काम बंद कर दिया, लेकिन गैस से भरे सिङ्क्षलडर प्लॉट में ऐसे ही छोड़ दिए। आसपास के दुकानदारों को भी इस बात का पता नहीं लग पाया कि ठेकेदार ने प्लॉट में क्लोरीन से भरे सिङ्क्षलडर रखे हुए हैं।