- लोगों ने बप्पा की मूíत की बुक

- कोरोना गाइडलाइन का रखा जाएगा ध्यान

आगरा। प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेशजी की आराधना का महापर्व गणेश उत्सव 10 सितंबर से प्रारंभ होकर 19 सितंबर तक मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी के अवसर पर घर-घर में गणपति बप्पा विराजेंगे। त्योहार को लेकर गणेश भक्तों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। बाजार भी कई प्रकार की गणेश प्रतिमाओं से सज गए हैं।

कोविड प्रोटोकॉल का होगा पालन

लगातार दूसरी बार गणेश उत्सव पर कोविड-19 का साया रहेगा। इस बार भी कोविड गाइडलाइन के हिसाब से शहर में गणेश स्थापना की तैयारियों का दौर चल रहा है। कुछ समय पूर्व इस संबंध में प्रशासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए थे। फिर भी शहर में दर्जनों स्थानों पर गणेश स्थापना की संभावना है। पहले शहर के बाजारों में गणपति पंडाल लगाए जाते थे। बाजार कमेटियां गणपति पंडाल के लिए एकत्रित करना एक सप्ताह पहले ही शुरु कर देतें थे, लेकिन इस बार इसमें कमी देखी जा रही है।

10 से होगी गणपति बप्पा मोरया की गूंज

ज्ञान, बुद्धि और सौभाग्य के प्रतीक भगवान गणेश का जन्मोत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी यानी 10 सितंबर को होगी। शुक्रवार को विधिवत श्रद्धालुओं द्वारा घर-घर मे पूजा अर्चना कर विघ्नहर्ता श्री गणेश को विराजमान करेंगे। गणेश चतुर्थी पर्व पर गणपति बप्पा मोरया की गूंज के साथ गजानन की मूíत स्थापित की जाएगी।

संकट के बीच होगी घर परिवार की सलामती की दुआ

इस वर्ष भी मूíतकारों ने कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए छोटी मूíतयों को ज्यादा तरजीह देते हुए बनाया है। इसके अलावा पूजा पाठ से जुड़े अन्य दुकानों में लोगों की अच्छी खासी चहल कदमी देखी गई। इस वक्त जिले भर में किसी भी तरह का कोई भी सार्वजनिक आयोजन नहीं हो पा रही है। कोरोना वायरस के संकट के बीच श्रद्धालु जन विघ्नहरता सुखहरता से घर परिवार की सलामती की दुआ करेंगे।

शुक्रवार से शुरू होगी गणेशोत्सव की धूम

शहर में दस दिवसीय गणेशोत्सव की धूम शुक्रवार से शुरू होगी। घर-घर मोहल्ले में गणपति की स्थापना की जाएगी। लेकिन कोरोना के कारण शहर में सजने वाले बड़े-बड़े गणपति पांडालों के लगने पर अभी संशय है, सभी लोग अभी प्रशासन की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि परिवार के साथ घर मे रहकर ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे।

गणेश चतुर्थी की ये है सही तारीख

सभी देवों में प्रथम आराध्य देव श्रीगणेश की पूजा करने और उन्हें प्रसन्न करने का त्योहार इस साल 10 सितंबर से शुरू हो रहा है। इस दिन भगवान गणेश विराजेंगे और 19 सितंबर यानी अनंत चतुर्दशी के दिन उन्हें विदा किया जाएगा। गणेश चतुर्थी पूजन का शुभ मुहर्त दोपहर 12.17 बजे शुरू होकर और रात 10 बजे तक रहेगा।

गणेश चतुर्थी के दिन न करें चंद्रमा के दर्शन

मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए। अगर भूलवश चंद्रमा के दर्शन कर भी लें, तो जमीन से एक पत्थर का टुकड़ा उठाकर पीछे की ओर फेंक दे।

वर्जन

गणेश चतुर्थी के लिए हमने तैयारियां शुरु कर दी हैं। इस बार हम अपने घर पर गणपति बप्पा को विराजेंगे। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरु कर दी हैं।

-पवन

गणेश चतुर्थी के लिए तैयारियां शुरु कर दी हैं। हर बार की तरह कमला नगर में भव्य गणपति विराजेंगे। हर बार प्रदेश की सबसे ऊंची गणेश प्रतिमा 27 फुट की स्थापना की जाती थी, लेकिन कोरोना के चलते इस बार तीन फुट की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।

-संजय वर्मा, अध्यक्ष, कमला नगर बल्केश्वर के राजा गणेश मंडल