- मवेशी चराने चंबल के बीहड़ में गए थे, मिट्टी की ढाय गिरने से फिसलते हुए गड्ढे में गिरे

बाह। मवेशियों के चराने गए दो बालकों की चंबल के बीहड़ में आठ-दस फीट गहरे गड्ढे में डूबकर मौत हो गई। हादसे के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

मवेशी चराने के दौरान हादसा

जैतपुर के बनकटी गांव निवासी नरेश और कालीचरण किसान हैं। नरेश का 10 वर्षीय बेटा सागर और कालीचरण का 10 वर्षीय बेटा विवेक मंगलवार सुबह आठ बजे मवेशी चराने गांव से सटे चंबल बीहड़ में गए थे। वहां वे ऊंचे टीले पर बैठकर मवेशियों की निगरानी करने लगे। ग्रामीणों के मुताबिक दोपहर करीब दो बजे बारिश होने लगी। इसी दौरान मिट्टी की ढाय दोनों पर गिर पड़ी। इससे दोनों फिसलते हुए नीचे आठ-दस फीट गहरे गड्ढे में गिर गए। पानी भरा होने के कारण सागर और विवेक की डूबकर मौत हो गई। कुछ देर बाद चरवाहे पहुंचे तो सागर और विवेक को न देख इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी। वे उनकी तलाश में गड्ढे में कूदे। कुछ ही देर में दोनों के शव बरामद कर लिए गए। इधर, जानकारी पर परिजनों में कोहराम मच गया। ग्रामीण उन्हें स्वास्थ्य केंद्र भी ले गए। जहां चिकित्सकों ने मौत की पुष्टि की।

वर्जन

दोनों बालकों की आठ-दस फीट गहरे गड्ढे में डूबकर मौत हुई है। यह गड्ढा बारिश का पानी स्टोरेज करने के लिए ग्रामीणों द्वारा ही बनाया गया था।

रविंद्र प्रताप सिंह, सीओ बाह

बारिश का पानी रोकने को बनाया था गड्ढा

बनकटी गांव के लोगों ने बारिश के पानी को रोकने के लिए यह गड्ढा बनाया था। उन्हें नहीं मालूम था कि गांव का जलस्तर बढ़ाने के लिए वे जो उपाय कर रहे हैं। उसमें डूबकर दो जिंदगियां समाप्त हो जाएंगी। हादसे के बाद ग्रामीणों ने शोक व्यक्त किया।

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27ड्डद्दष्स्त्र72 जैतपुर के बनकटी में दो किशोरों की डूबने से मौत के बाद विलाप करते परिजन। जागरण