-अधिकारी एक लाख छात्रों का रिजल्ट जारी करने को दे चुके हैं पत्र

-एजेंसी के खिलाफ करा चुके हैं संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज

आगरा। डॉ। भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में आक्रोशित छात्रों ने रजिस्ट्रार का घेराव किया। छात्र एजेंसी का पेमेंट किए जाने पर विरोध प्रकट करने लगे। आक्रोशित छात्रों ने एजेंसी का पेमेंट किए जाने की दिशा में आंदोलन की चेतावनी दी है। विश्वविद्यालय अधिकारियों द्वारा गुपचुप तरीके से वर्ष 2014 की एजेंसी का पेमेंट जारी कराने की तैयारी की जा रही। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में विवि अधिकारियों द्वारा एक बैठक का आयोजन भी किया गया था, जिसमें एजेंसी के पेमेंट पर मुहर लगाई गई थी। इसकी भनक सपा छात्र सभा के नेता गौरव यादव को हुई तो उन्होंने साथियों के साथ रजिस्ट्रार केएन सिंह का घेराव कर हंगामा किया।

रजिस्ट्रार पर भड़के छात्र

छात्र नेताओं ने जब रजिस्ट्रार से एजेंसी के पेमेंट के बारे में जानकारी लेनी चाहिए तो उन्होंने इस मामले को उच्चाधिकारियों पर डालकर पल्ला झाड़ लिया। जिससे छात्र नेता गौरव यादव और केएन सिंह के बीच तड़का-भड़की हो गई। कार्यालय में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने आक्रोशित छात्रों को बमुश्किल शांत कराया। छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि बिना रिजल्ट जारी किए एजेंसी का पेमेंट किया तो छात्र विवि कार्यालय में अनशन करने को मजबूर होंगे।

विवि ने जारी किया लेटर

विवि सूत्रों का कहना है कि हाल ही में विवि अधिकारियों द्वारा एक लेटर जारी किया गया है। इसमें एक लाख से अधिक छात्रों का लम्बित रिजल्ट घोषित करने के निर्देश दिए गए थे। एजेंसी द्वारा सुनवाई नहीं होने की दिशा में रिमाइंडर भेजकर भी एजेंसी को अवगत कराया जा चुका है।

दर्ज की गई एफआईआर

एजेंसी द्वारा रिजल्ट जारी नहीं किए जाने पर लाखों छात्रों का भविष्य अधर में है। इस संबंध में लखनऊ से आगरा पहुंची आश्वासन कमेटी के पदाधिकारी विधायक मनीष असीजा ने विवि अधिकारियों को एजेंसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए थे। इसलिए विवि अधिकारियों को एक सप्ताह का समय दिया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। जिसमें एजेंसी द्वारा रिजल्ट रोकने की पुष्टि की जा चुकी है।

पेमेंट जारी करने में साठ-गांठ

विवि सूत्रों का कहना है कि एजेंसी द्वारा रिजल्ट जारी नहीं होने की दिशा में अधिकारी एजेंसी की बकाया धनराशि 75 फीसदी पेमेंट गुपचुप करने की तैयारी में है। बताया जाता है कि विवि के कर्ताधर्ता का कार्य काल समाप्त होने जा रहा है, इस पर विवि में संबंधित लम्बित मामलों को सांठ-गांठ कर निपटाने की तैयारी की जा रही है। इससे पहले नकल में लिप्त मिले 30 कॉलेजों में से तेरह को क्लीनचिट दी गई, जबकि अन्य पर भी मामूली कार्रवाई कर छोड़ दिया गया।