थानावार प्वाइंटों पर खड़ी होती हैं यूपी 100 की गाडि़यां

मौके पर पहुंच कर जांच कर सकते हैं गाड़ी के सिपाही

आगरा। आचार संहिता का पालन कराने के लिए पुलिस पूरी मेहनत कर रही है। चुनाव में किसी भी तरह की कोई लापरवाही न रहे इसका ख्याल रखा जा रहा है। इस दौरान बिना परमीशन प्रचार पर भी पुलिस की नजर बनी हुई है। लेकिन प्रचार करने वाले गुपचुप तरीके से अपना काम करने से बाज नहीं आते। यूपी 100 की गाडि़यां भी अब आचार संहिता उल्लंघन पर पूछताछ कर सकती हैं।

गुपचुप तरीके से भी होता है प्रचार

नेता भी जानते हैं कि बिना अनुमति प्रचार आचार संहिता के खिलाफ है लेकिन गांव देहात या सिटी के बस्ती मोहल्लों में प्रचार रुक पाना मुश्किल होता है। लोग गुपचुप प्रचार करते हैं। अंदर ही अंदर लोगों के बीच जाकर पार्टी विशेष का गुणगान होता है साथ ही प्रचार सामग्री भी वितरित हो जाती है। ऐसे लोग सीधे तौर पर पुलिस की निगाह में नहीं होते इसके चलते बचे रहते हैं।

कलेक्ट्रेट में दो गाडि़यां हुई थीं सीज

हाल ही में कलेक्ट्रेट में एसएसपी के निर्देश पर पुलिस टीम ने दो गाडि़यों से प्रचार सामग्री हटवाई व ब्लैक फिल्म भी उतरवाई। लेकिन इसके बाद भी लोग चैकिंग में रोज पकड़े जा रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस हूटर, ब्लैक फिल्म उतरवा रही है। लोग खुद आचार संहिता का पालन नहीं कर रहे हैं।

यूपी 100 की भी रहेगी नजर

अब एक कॉल पर काम करने वाली यूपी 100 की गाडि़यां भी आस पास के माहौल पर नजर रखेंगी। यदि उनके सामने किसी प्रकार से आचार संहिता का उल्लंघन होने जैसी घटना होती है तो वह मौके पर जाकर जांच करेगी और दोषी पाए जाने पर थाने भी पहुंचा सकती है। थाने के फोर्स के अलावा विभिन्न प्वाइंटों पर यूपी 100 की गाडि़यां भी तैनात रहती हैं।

दिखाना होगा परमीशन लैटर

यदि कोई किसी भी थाना क्षेत्र में प्रचार करता पाया गया तो डायल 100 के सिपाही उससे परमीशन लैटर मांग सकते हैं साथ ही यदि कोई यूपी 100 के कर्मियों को सूचना देता है तो भी वह मौके पर जाकर मामले की जांच करेंगे। यदि लैटर नहीं मिला तो वह दोषी को थाने लाएंगे। यदि जरूरत पड़ी तो वह मदद के लिए फोर्स भी मंगवा सकते हैं।

नेटवर्क ने बिगाड़ा सूचना का खेल

हाल ही के कुछ दिनों में एमडीटी पर नेटवर्क न आने की समस्या से कर्मचारियों को जूझना पड़ा। इसके चलते सीधे तौर पर उनके पास सूचना नहीं आ पाई। जिस तरह से मोबाइल सिम का नेटवर्क कभी-कभी उड़ जाता है वैसे ही एमडीटी का नेटवर्क भी गायब हो गया लेकिन लखनऊ में बैठी टीम ने सूचना देने के लिए मोबाइल का यूज किया। चूंकि यूपी 100 कर्मचारियों को एक मोबाइल भी दिया गया है। इसके अलावा उनके पास अपना मोबाइल भी है जिसका नंबर भी कंट्रोल रूम पर उपलब्ध है। इसके अलावा सभी सीधे वायरलैस सिस्टम से भी जुड़े हैं।