- स्ट्राइक वन कोर ने यमुना पार किया युद्धाभ्यास

- लहरें चीर दुश्मन के ठिकाने पहुंचे टैंक, गरजीं तोपें

मथुरा। गुरुवार दोपहर में यमुना किनारे अचानक हलचल मच गई। टैंक, तोप लेकर सेना के जवान आ चुके थे। देखते ही देखते तोपों ने गोले दागना शुरु कर दिया। यमुना पार दुश्मन के ठिकानों पर बमबारी होते ही धुंए के गुबार आसमां में छाने लगे। हेलीकॉप्टर हवाई निगरानी करने लगे। दुश्मन को घेरने के लिए टैंक पानी में तैरने लगे। गोली-बमबारी के धमाकों से पूरा इलाका थर्रा उठा। दुश्मन के ठिकाने नेस्तनाबूत हो गए। 45 मिनट में ही सेना ने दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए।

ये बिलकुल हकीकत थी। आम आंखें इस नजारे पर चौंक रही थीँ। दरअसल, सेना की स्थानीय स्ट्राइक वन कोर गुरुवार को युद्धाभ्यास कर रही थी। इंटेलीजेंस के जरिए यमुना पार दुश्मन के ठिकाने होने की सूचना मिली थी। स्ट्राइक वन कोर के कमा¨डग अफसर लेफ्टीनेंट जनरल शौकिन चौहान के नेतृत्व में सैन्य अफसरों और जवानों ने मोर्चा संभाल लिया। दुश्मन के ठिकानों तक पहुंचने के लिए यमुना नदी अवरोधक बनी हुई थी। गुरुवार सुबह ठीक 11 बजे सेना ने आक्रमण कर दिया। यमुना पार गोले और बम गिरने लगे। धमाकों से पूरा इलाका थर्राने लगा। दुश्मन को एक पल का भी मौका न देने को सेना ने अपने आक्रमण को जारी रखा। यमुना नदी पार करना भी जरूरी थी। एक टैंक आया। अरे, ये क्या? ये टैंक पानी में उतर गया। यमुना में भी देशभक्ति की हिलौरें उठने लगीं। भारी-भरकम टैंक पानी में तैरने लगा, साथ ही गोलीबारी जारी थी। एक-दो, नहीं, आधा दर्जन टैंकों ने पानी की लहरों को चीरते हुए दुश्मन की ओर रुख कर लिया था। इन टैंकों ने दुश्मन के ठिकानों की घेराबंदी कर ली। इन टैँकों को कव¨रग करते हुए एक रिकवरी टैंक आ गया। इसके लिए आनन-फानन एक लोहे का प्लेटफार्म पानी में उतारा गया। इस पर टैंक चढ़ गया। इस प्लेटफार्म को दो स्टीमरों के जरिए मोर्चे की ओर लेकर रवाना कर दिया गया। हेलीकॉप्टर निरंतर हवाई निगरानी कर रहा था।

इधर, यमुना किनारे स्ट्राइक वन कोर के कमा¨डग अफसर लेफ्टीनेंट जनरल शौकिन चौहान अपने जवानों को डायरेक्शन दे रहे थे। यहां पर मौजूद अन्य अफसर पूरे ऑपरेशन को ऑपरेट कर रहे थे। जवानों का हौसला देखने लायक था। दुश्मन को नेस्तनाबूत करने के लिए ये जुनूनी थे। कुछ ही देर में सेना की टुकडी ने दुश्मन के ठिकानों को पूरी तरह से घेर लिया और ताबड़तोड़ गोलीबारी और बमबारी करके इनके छक्के छुड़ा दिए। विजयी संदेश आते ही सैनिक भारत माता की जय और जय हिेंद के नारे लगाने लगे। ये ऑपरेशन ठीक 45 मिनट में सफल हो गया।

प्रदर्शन सफल रहा:: शौकिन चौहान

युद्धाभ्यास के बाद मथुरा स्थित सेना की स्ट्राइक 1 कोर के कमां¨डग अफसर लेफ्टीनेंट जनरल शौकिन चौहान ने बताया कि यमुना नदी के प्रवाह को पार करने के लिए किए गए इस प्रदर्शन को'मेघ प्रहार'नाम दिया गया था। इसका आशय ये था कि सेना को पानी को पार करते हुए दुश्मन के ठिकानों पर आक्रमण करना था। युद्ध के दौरान कई बार ऐसे हालत बन जाते हैँ। इस प्रदर्शन में हिसार स्थित आ‌र्म्ड डिवी•ान की फार्मेशन के विभिन्न उपकरणों, संयुक्त कार्य क्षमता, व्यावसायिक ²ष्टि और डॉट डिवी•ान की युद्धक क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया गया। इसमें सेना के आधुनिक टी-90 और बीएमपी-2 टैंकों ने नदी अवरोधक को पार करते हुए युद्ध लड़ने की क्षमता का परीक्षण किया। हेलीकाप्टर द्वारा रेकी और टैंकों द्वारा दुश्मन को नेस्तनाबूत करने का प्रदर्शन किया। इस ऑपरेशन के दौरान कर्नल आकाशदीप और अन्य सैन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।