आगरा(ब्यूरो)। डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में आयोजित शपथ समारोह में विवि कर्मचारियों व अधिकारियों ने बारिश का पानी बचाने की शपथ ली। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा देंगे। अपने आसपास रहने वालों को रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के प्रति अवेयर करेंगे। उन्हें भी इस सिस्टम को लगाने के लिए कहेंगे। जिससे बारिश का पानी नाले-नालियों में बर्बाद न हो। बल्कि रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए सीधे में जमीन में पहुंचाया जा सके। यूनिवर्सिटी की पीआरओ पूजा सक्सेना आदि मौजूद रहीं।

जल बिना जीवन की कल्पना भी नहीं
शमसाबाद रोड स्थित ऑल सेंट स्कूल में भी बारिश का पानी बचाने के लिए शपथ दिलाई गई। यहां टीचर्स के साथ स्कूल स्टाफ भी मौजूद रहा। स्कूल चेयरमैन त्रिलोक सिंह राणा ने कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जिस तरह जल की कमी हो रही है, उसके लिए जरूरी है कि बारिश के पानी को सहेजा जाए। इसके लिए सभी को प्रयास करने होंगे। बच्चों को भी इसके बारे में अवेयर किया जाना चाहिए।

लगवाएं रेन वॉटर हार्वेस्टिंग
गढ़वाल भातृ सम्मेलन के पदाधिकारियों ने भी रेन वॉटर बचाने के लिए शपथ ली। सचिव राजेंद्र घिल्डिय़ाल ने कहा कि वह खुद बारिश का पानी बचाने के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का सहारा लेंगे। इसके साथ ही दूसरों से भी इस सिस्टम को लगाने के लिए कहेंगे। ताकि जलसंकट जैसी स्थिति न बने।

बारिश का पानी बचाने के लिए सभी को संयुक्त रूप से प्रयास करना चाहिए। बारिश का पानी ही ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करता है। इसके लिए रूफ टॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अच्छा जरिया है। इससे बारिश का पानी सीधे जमीन में पहुंच सकता है।
प्रो। आशु रानी, कुलपति

सिर्फ पानी बचाने के लिए ही नहीं, बल्कि बारिश का पानी बचाने के लिए भी मुहिम की जरूरत है। इस बारे में बच्चों को भी अवेयर करना चाहिए।
त्रिलोक सिंह राणा, चेयरमैन, ऑल सेंट्स स्कूल

बारिश के पानी को सहेजना सभी की जिम्मेदारी है। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को सभी को अपनी सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी समझना चाहिए। इससे शहर के ग्राउंड वॉटर की स्थिति में सुधार आएगा। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की प्रक्रिया काफी आसान है।
शिवम द्विवेदी, एक्सईएन, भूजल विभाग

जिस तरह छोटी नदियां बड़ी नदी से कनेक्ट होती हैं, इसी तरह जमीन के नीचे भी पानी के सोर्स के चैनल होते हैं। कहीं न कहीं वह भी आपस में एक-दूसरे से कनेक्ट होते हैं। ऐसे में नदियों को बचाने के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए। नदी ग्राउंड वॉटर रिचार्ज करने का मुख्य सोर्स भी है। लेकिन शहर में यमुना की स्थिति बदहाल है। यहां यमुना की तलहटी पर पॉलिथिन और गंदगी का ढेर है।
डॉ। शरद गुप्ता, पर्यावरणविद्

सोशल मीडिया पर दी लोगों ने राय
सड़क किनारे रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए पिट्स बनाए जाने चाहिए। जिससे सड़क पर गिरने वाला बारिश का पानी नालों की बजाय इन पिट्स के जरिए जमीन में चला जाए।
अंकुर

सरकार को रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए अभियान शुरू करना चाहिए। जिस तरह ओडीएफ के लिए अभियान चला, उसी तरह इस विषय पर भी अभियान चलना चाहिए।
नीरज

रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर लोग अब भी पूरी तरह से अवेयर नहीं है। इसके पीछे कहीं न कहीं सरकार की उदासीनता की वजह है। इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है।
राधेश्याम

3837 भवनों में जिले में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग
2488 प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग
1252 पंचायत एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग

नोट: आंकड़े लघु सिंचाई विभाग के द्वारा दिए गए हैं। इन आंकड़ों में शहर में निजी भवनों और कमर्शियल भवनों की संख्या शामिल नहीं है।

ये आसान तरीका भी अपना सकते हैं
- घर के लॉन को कच्चा रखें
- घर के बाहर सड़कों के किनारे कच्चे रखें। लूज स्टोन पेवमेंट का निर्माण करें।
- पार्कों में रिचार्ज ट्रेंच बनाई जाएं।

रूफ टॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग
- रिचार्ज पिट
- रिचार्ज ट्रेंच
- रिचार्ज वेल
- रिचार्ज ट्रेंच कम बोर वेल
- सूखा कुंआ
- तालाब-पोखर
- सरफेस रेन वॉटर हार्वेस्टिंग