- नदी किनारे रहने वालों की बढ़ रही टेंशन

- प्रशासन हुआ अलर्ट, बाढ़ चौकियां स्थापित

आगरा। अभी तो यमुना दूर है। लेकिन अगर चार से पांच फीट पानी बढ़ा तो मुसीबत खड़ी हो सकती है। अभी जीवनदायिनी का रूप मनमोहक नजर आ रहा है, लेकिन अगर ऐसे ही पीछे से पानी छोड़ना जारी रखा गया तो ये ही लोगों के लिए डर का सबब बन जाएगा। नदी की लहरों को देख ये डर सिर्फ बल्केश्वर-मनोहरपुर रोड पर यमुनोत्री मोड़ निवासी राजेंद्र का ही नहीं है, बल्कि नदी किनारे रहने वाले सैकड़ों लोग आशंकित हैं।

लोगों को सता रहा डर

पहाड़ी इलाकों में बारिश जारी है। इससे नदी उफान पर हैं। यमुना में भी तेजी से पानी बढ़ रहा है। इससे नदी किनारे रहने वालों लोगों की नींद उड़ गई है। उन्हें डर है कि कहीं यमुना का जलस्तर डेंजर लेवल को क्रॉस न कर जाए और उनका आशियाना खतरे में न आ जाए। बल्केश्वर से मनोहरपुर रोड की ओर जाने पर यमुनोत्री मोड़ से आगे सड़क के एक ओर नदी है तो दूसरी ओर मकान बने हैं। यहां नदी के बेड पर भी कई मकान का निर्माण हो रखा है।

पानी ने नहीं की सड़क क्रॉस

क्षेत्रीय निवासी पवन बंसल बताते हैं कि मैं यहां करीब 20 वर्ष से रह रहा हूं। लेकिन अब तक यमुना का पानी सड़क को क्रॉस नहीं किया है। हालांकि इसबार हाल ही में तेजी से यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। पिछले कुछ वर्षो में सड़क का भी कई बार निर्माण हो चुका है। सड़क ऊंची उठ चुकी है। इससे अभी यमुना का जलस्तर काफी दूर नजर आ रहा है। लेकिन वाटर लेवल इसी कदर बढ़ता रहा तो बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।

वाटरव‌र्क्स पर यमुना नदी की स्थिति

मौजूदा:491.8 फीट

लो फ्लड लेवल: 495 फीट

मीडियम फ्लड लेवल::499 फीट

हाई फ्लड लेवल::508 फीट

पिनाहट में चंबल नदी की स्थिति

मौजूदा::128.40 मीटर

अलर्ट लेवल: 127 मीटर

डेंजर लेवल::130 मीटर

धौलपुर में चंबल नदी की स्थिति

मौजूदास्तर: 139.50 मीटर

यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। अगर पानी सड़क तक आ गया तो मुश्किल खड़ी हो जाएगी। नाले बैक मारना शुरू कर देंगे।

राजेंद्र कुमार

मेरे सामने अभी तक नदी के पानी ने सड़क को क्रॉस नहीं किया है। अभी यमुना सड़क से काफी दूर है। लेकिन चार से पांच फीट पानी बढ़ जाता है तो मुश्किल खड़ी हो जाएगी।

पवन बंसल

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चंबल से 40 गांवों में बाढ़ का खतरा

आगरा। चंबल नदी में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। मंगलवार को पिनाहट में चंबल में वाटर लेवल 128.40 मीटर पहुंच गया, जो अलर्ट लेवल 127 मीटर को क्रॉस कर चुका था। इससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सुबह 11 बजे जिलाधिकारी प्रभु एन। सिंह व एसडीएम बाह अब्दुल बासित ने राजस्व टीम के साथ पिनाहट घाट का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने आवश्यक तैयारियों को परखा। उन्होंने तटवर्ती इलाकों में अलर्ट जारी कर सावधानी बरतने के निर्देश दिए।

टीमों को किया गया तैनात

सोमवार रात से अचानक तेज उफान के साथ चबंल नदी का वाटर लेवल तेजी से बढ़ गया। चंबल नदी में तेज बहाव में बड़ी संख्या में पेड़, लकड़ी, झोपड़ी आदि बह कर आ रहे हैं। जलस्तर को देख निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी ने लेखपालों को अपने-अपने क्षेत्रो में 24 घंटे तैनात रहने व पल-पल की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को देने के निर्देश दिए।

यहां बाढ़ का खतरा

गांव गुढ़ा, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, भगवानपुरा, पुरा शिवलाल, पुरा झरना, उमरैठा पुरा, क्योरी, पिनाहट घाट, रेहा सहित करीब 40 गांवों में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के चलते बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। राजस्व लेखपाल के द्वारा गांव में मुनादी कर ग्रामीणों को ऊंचे टीले पर जाने की हिदायत दी है। ग्रामीणों को चंबल नदी के किनारे न जाने की हिदायत दीं गयी है।

आठ गांवों का तहसील मुख्यालय बाह से टूटा संपर्क

चंबल नदी में आई भयंकर बाढ़ के चलते तहसील के गुढ़ा, गोहरा, रानी पुरा, भटपुरा, पुरा डाल, पुरा झरना, पुरा शिवलाल, उमरैठा पुरा, कछियारा, रेहा के संपर्क मार्गों में बाढ़ का पानी भर गया है। इसके चलते ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं। संपर्क मार्ग में पानी भरने के चलते ग्रामीण सामान की खरीदारी के लिए बाजार नहीं आ पा रहे हैं। संपर्क मार्ग में पानी भरने के चलते करीब आठ गांव का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।

1996 और 2019 का रिकॉर्ड तोड़ने को बेताब चंबल नदी

बताया जाता है कि वर्ष 1996 में रिकॉर्ड तोड़ चंबल नदी का जलस्तर बढ़ गया था। तब चंबल नदी का जलस्तर 136.60 मीटर पर पहुंच गया था। उसके बाद वर्ष 2019 में भी चंबल का जलस्तर 136.20 पर पहुंच गया था। इससे चंबल नदी में भयंकर बाढ़ आई थी। जिससे कई मकान ढह गए थे। और किसानों की सैकड़ों बीघा जमीन फसल जलमग्न हो गई थी।

निगरानी के लिए 8 बाढ़ चौकियां स्थापित

पिनाहट

मनसुखपुरा

उमरैठा

बासौनी

सिमराई

पुरा भगवान

खेरा राठौर

नगगवा

वर्जन

अभी खतरे जैसी कोई बात नहीं है। चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर की निगरानी के लिए आठ बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं। जिन पर लेखपाल तैनात कर दिए हैं। उन्हीं की निगरानी में तटवर्ती गांव के ग्रामीणों को ऊंचे टीलों पर जाने की हिदायत दी गई है। वहीं लगातार बढ़ रहे जलस्तर से बाढ़ की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

अब्दुल बासित, एसडीएम बाह