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ALLAHABAD: सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा इलाहाबाद मंडल में करीब पंद्रह हजार व्यापारी ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जिन्होंने जीएसटी लागू होने के बाद अपना फर्म जीएसटी में रजिस्टर्ड करवाया है। पिछले तीन-चार महीने में बिजनेस भी किया है, लेकिन अभी तक टैक्स और रिटर्न जमा नहीं किया है। ऐसे व्यापारियों पर सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों की नजर टेढ़ी हो गई है। इनके खिलाफ कार्रवाई की पूरी प्लानिंग कर ली गई है।

खड़ी कराई जाएगी गाड़ी

जिन व्यापारियों ने अभी तक जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर महीने का रिटर्न भरते हुए टैक्स जमा नहीं किया है, उनके बिजनेस पर नजर रखते हुए माल को कब्जे में लेने और गाडि़यों को खड़ा कराने का आदेश जारी किया गया है। इसके लिए सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट के इंफोर्समेंट की टीम शहर के इंट्री प्वाइंट पर लगाई गई है।

तैयार की गई है लिस्ट

जिन व्यापारियों ने रिटर्न नहीं भरा है और टैक्स जमा नहीं किया है। ऐसे व्यापारियों की पूरी लिस्ट तैयार कर ली गई है। इसे अधिकारियों को सौंप दिया गया है। सभी खंड के अधिकारी लिस्ट के अनुसार कार्रवाई में लगे हैं। लिस्ट के अनुसार संबंधित व्यापारी द्वारा अगर कोई माल शहर से बाहर कहीं भेजा जाता है या मंगाया जाता है तो उसे सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट की टीम अपने कब्जे में लेकर कार्रवाई करते हुए टैक्स जमा कराएगी। टैक्स जमा न होने तक माल सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट के कब्जे में रहेगा।

जीएसटी लागू होने के बाद शुरुआत में तो रिटर्न का प्रतिशत ठीक था, लेकिन धीरे-धीरे रिटर्न भरने वाले व्यापारियों की संख्या कम हो रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का प्लान बनाया गया है। जिन व्यापारियों ने रिटर्न जमा नहीं किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

राम प्रसाद

असिस्टेंट कमिश्नर

ग्रेड-2

व्यापारी अगर टैक्स की चोरी कर रहे हैं, रिटर्न जमा नहीं कर रहे हैं तो इसके लिए वे दोषी हैं। लेकिन जीएसटी पोर्टल की खामियों, जानकारी के अभाव व अन्य समस्याओं की वजह से व्यापारी चाह कर भी रिटर्न नहीं भर पा रहे हैं, तो इसके लिए व्यापारी कहां से दोषी है।

संतोष पनामा

संयोजक

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति

ये बात सही है कि बड़ी संख्या में व्यापारी टैक्स जमा नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि जीएसटी काउंसिल का सिस्टम ही कुछ ऐसा है। खामियों की वजह से ही व्यापारी जीएसटी से भाग रहे हैं। जीएसटी काउंसिल आज भी व्यापारियों की समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहा है।

महेंद्र गोयल

प्रदेश अध्यक्ष

कैट