प्रयागराज (ब्‍यूरो)। फिलहाल का रिस्पांस तो बेहद चौंकानेवाला और निराशाजनक है। पहली बार देश की किसी यूनिवर्सिटी में इंट्रोडयूज किये गये इस का ऐसा हस्र हो सकता है, इसकी कल्पना भी मुश्किल है। हम बात कर रहे हैं एनवायरमेंटल स्टडीज एंड डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स की। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने इसे प्रोफेशन कोर्स के तौर पर इस साल से शुरू किया है। भूगोल डिपार्टमेंट के अंडर में चलने वाले इस कोर्स का डयूरेशन पांच साल तय किया गया है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने यूजी की प्रवेश प्रक्रिया को शुक्रवार 29 सितंबर को विराम दे देने का फैसला लिया था। 30 से क्लासेज चलाने का निर्देश दिया गया है।

40 सीटों पर होना है कोर्स में प्रवेश
10 छात्रों ने अब तक कराया है रजिस्ट्रेशन
01 छात्र ने लिया है अब तक कोर्स में प्रवेश
07 छात्रों ने अपलोड किया वेबसाइट पर डाक्यूमेंट
05 डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन में हुए आउट

न्यू एजूकेशन पॉलिसी का पार्ट
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने इस साल न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत 10 नए प्रोफेशनल कोर्सेज को इंट्रोडयूज करने का फैसला लिया था। बाद में तय किया गया कि करंट एकेडमिक सेशन में सात कोर्स ही संचालित किये जाएंगे। इसी में से एक था एनवायरमेंटल स्टडीज एंड डिजास्टर मैनेजमेंट। इस कोर्स को ज्योग्राफी डिपार्टमेंट के साथ अटैच किया गया है। इस कोर्स में एडमिशन लेने वाले छात्रों को एमए अथवा एमएससी की डिग्री दी जाएगी। बीएससी की डिग्री उन छात्रों को दी जाएगी जिन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम में की होगी। एमए की डिग्री उन छात्रों को दी जाएगी जिन्होंने इंटरमीडिएट में आट्र्स स्ट्रीम से पढ़ाई की थी। कोर्स में इनवायरमेंट और डिजास्टर पर फोकस्ड कोर्स मॅटिरियल तैयार किया गया है। एचओडी प्रो। अनुपम का कहना है कि अभी यह कोर्स भारत की किसी भी यूनिर्वसिटी में नहीं पढ़ाया जा रहा है।

रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी डाक्यूमेंट
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट और उसकी प्रति
आईडी प्रूफ के रूप में आधार कार्ड, पासपोर्ट या फिर वोटर आईडी कार्ड स्कैन करके अपलोड करना अनिवार्य है
ईडब्ल्यूएस कैटेगिरी का छात्र है तो उसे इनकम सर्टिफिकेट के साथ, दो पासपोर्ट साइज फोटो, टीसी या फिर माइग्रेशन सर्टिफिकेट और जाति प्रमाण पत्र जमा करना होगा
सीयूईटी की तरफ से वेरीफाइड एडमिट कार्ड को अपलोड करना है

जब तक सीट खाली होगा प्रवेश
इस कोर्स में इंट्री के लिए वही छात्र पात्र होंगे जो इस साल सीयूईटी में एपीयर हुए थे और इस कोर्स को चूज किया था। यही कारण था कि इस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए तमाम छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया लेकिन फीस पेमेंट करने के स्टेटस तक नहीं पहुंचे। इस कोर्स का संचालन भूगोल डिपार्टमेंट से किया जा रहा है। एचओडी प्रो। अनुपम पांडेय बताते हैं कि उनके पास जो सूचना है उसके मुताबिक 40 सीटों पर प्रवेश के लिए 60 से ज्यादा छात्र रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं। हालांकि, उनके पास एक्चुअल रजिस्ट्रेशन और एडमिशन का डाटा उपलब्ध नहीं था। दॅनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जो डाटा यूज किया है वह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की पीआरओ जया कपूर की तरफ से बुधवार को ऑफिशियली जारी किया गया था। इस डाटा के मुताबिक छात्रों का रिस्पांस अभी बेहद कमजोर है और बुधवार तक सिर्फ एक छात्र ने प्रवेश की फॉर्मेलिटी पूरी की है। प्रवेश प्रक्रिया के बारे में प्रो। अनुपम बताते हैं कि शुल्क जमा होने के बाद ही एडमिशन कन्फर्म होता है। छात्र ने एक बार पंजीकरण करा लिया है तो वह प्रवेश प्रक्रिया के पूर्ण होने तक किसी भी दिन प्रवेश ले सकता है। वैसे रजिस्ट्रेशन के बाद उसे फीस जमा करने के लिए तीन दिन का वक्त दिया जाता है। इसी दौरान विभाग को छात्रों के डाक्यूमेेंट का वेरिफिकेशन भी करना होता है। डाक्यूमेंट वेरीफाई होने के बाद छात्र की सीट कन्फर्म कर दी जाती है। यह प्रक्रिया अंतिम सीट भरने तक जारी रहती है।


इस कोर्स को कम्प्लीट करने वाले छात्रों को गवर्नमेंट जॉब में जाने का आप्शन मिलेगा। उनके लिए सेल्फ इम्प्लायमेंट का रास्ता भी खोलेगा। इस नई फील्ड के बारे में छात्र अभी ज्यादा जागरूक नहीं हैं। अॅवेयरनेस आने के बाद इस कोर्स में प्रवेश के लिए मारामारी मचेगी।
प्रो। अनुपम पांडे
एचओडी, ज्योग्राफी डिपार्टमेंट

इस कोर्स को इंट्रोडयूज करने के पीछे भविष्य की बड़ी सोच है। इस कोर्स में छात्रों को पर्यावरण विज्ञान के बारे में पढ़ाया जाएगा। यह फील्ड आने वाले दिनों में बेहतरीन जॉब ऑप्च्र्युनिटी क्रिएट करेगी। छात्रों के साथ सेल्फ इम्प्लायमेंट का भी ऑप्शन होगा।
प्रो पुनीता पांडेय पर्यावरण विभाग, एयू