प्रयागराज (ब्‍यूरो)। वह वीडियो अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक डॉयलाग भी है 'घर जाइए लल्लन जी, लगता है तूफान आने वाला है। अब वीडियो के इस डॉयलाग का मकसद और मतलब क्या है? लोग अपने-अपने तरीके से इसे उमेश पाल मर्डर केस से जोड़कर देख रहे हैं। बात मालूम चलने के बाद अब पुलिस भी इस वीडियो की जांच में जुट गई है। चर्चा है कि इस वीडियो का कनेक्शन उमेश पाल मर्डर केस से हो सकता है।

अपने तरीके से अर्थ निकाल रहे लोग
सोशल मीडिया पर वायरल यह वीडियो 24 फरवरी को इंस्टाग्राम पर अपलोड बताया जा रहा है। दबी जुबान कुछ लोगों की मानें तो यह वीडियो उस वक्त का है जब बरेली जेल में बंद माफिया अतीक अहमद का भाई अशरफ न्यायिक अभिरक्षा में पेशी पर आया था। वायरल वीडियो में माफिया अतीक अहमद का एक बेटा भी अशरफ के साथ मौजूद है। सुरक्षा में लगी पुलिस के सामने मुस्कुराते हुए अशरफ पान का वीणा खा रहा है। उससे मिलने वालों की भी कतार थी। हालांकि वीडियो में अशरफ से मिलने पहुंचे सारे लोगों के फुटेज नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में एक डॉयलाग 'घर जाइए लल्लन जी, लगता है तूफान आने वाला हैÓ का अर्थ लोग अपने-अपने तरीके से निकाल रहे हैं। घटना वाले दिन इंस्टाग्राम पर वायल अशरफ और अतीक के इस वीडियो को लेकर लोगों का मानना है कि इसका कनेक्शन उमेश पाल ट्रिपल मर्डर केस से हो सकता है। खैर लोगों की इन चर्चाओं में कितनी हकीकत है? यह पुलिस की जांच का विषय है। सूत्र बताते हैं कि वायरल इस वीडियो की जांच में पुलिस जुट गई है।

'तूफानों में भी हमारा दिया क्यों जल रहा है
'दुश्मनों को यही खल रहा है, तूफानों में भी हमारा दिया क्यों जल रहा हैÓ यह पंक्ति किसी शायर की पंक्ति नहीं है, बल्कि 24 तारीख को उमेश पाल मर्डर केस के दिन इंस्टाग्राम पर अपलोड अशरफ व अतीक के एक बेटे संग अपलोड वीडियो पर कमेंट में कही गई है। कहा जा रहा है कि वीडियो पर कमेंट में यह पंक्ति लिखने वाला कोई और नहीं, वही शख्स है जिसने अशरफ व अतीक के एक बेटे का वीडियो इंस्टाग्राम पर अपलोड किया है। अब पुलिस की जांच के बाद ही इस वीडियो की हकीकत सामने आएगी।

पुलिस समझ रही थी बच्चा पर खा गई गच्चा
चौदह दिन में उमेश पाल ट्रिपल मर्डर मुख्य आरोपित अतीक के बेटों की परछाई तक नहीं खोज पाई पुलिस
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: उमेश पाल व उसके दो गनर की हत्या में नामजद अतीक अहमद के बेटों को बच्चा समझ रही पुलिस उनकी तलाश में गच्चा खा गई है। दिनदहाड़े दो पुलिस के जवान सहित बसपा विधायक राजू पाल के गवाह उमेश पाल की हत्या करके वह अंडर ग्राउंड हो गए हैं। घटना को हुए 14 दिनों का वक्त बीत गया हैं और पुलिस आरोपित माफिया अतीक के बेटे की परछाई तक भी नहीं खोज पाई। कमिश्नरेट पुलिस की इस नाकामी को लेकर अब लोगों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। मुठभेड़ में दो आरोपितों को ढेर करने के बाद प्रेशर के बोझ से हल्का महसूस कर रही पुलिस अब पब्लिक के सवालों में घिरती जा रही है। सिर्फ आम पब्लिक ही नहीं, उमेश पाल के परिजन भी अतीक के बेटों की गिरफ्तारी नहीं होने से खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनके जेहन में एक ओर जहां सरकार पर भरोसा है, तो दूसरी तरफ उनका मन मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने से खिन्न भी है। कमिश्नरेट का कोई अधिकारी कुछ बोलने का साहस नहीं जुटा पा रहा है।

पुलिस की नाकामी पर उठ रहे सवाल
सुलेमसरांय में 24 फरवरी को दिनदहाड़े तीन लोगों को भरे बाजार मौत के घाट उतार दिया गया। मारे गए लोगों में उमेश पाल के साथ उनके दो गनर पुलिस के जवान संदीप निषाद व राघवेंद्र भी शामिल है। उमेश पाल की पत्नी जया पाल के द्वारा मामले में पुलिस को तहरीर दी गई थी। जिसमें माफिया डान अतीक अहमद और उनका भाई अशरफ एवं अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और उनके बेटे एवं गुड्डू मुस्लिम व गुलाम सहित नौ साथी व अतीक अहमद के अन्य सहयोगी आरोपित हैं। इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। ट्रिपल मर्डर के इस खौफनाक मंजर को देखकर सिर्फ जयंतीपुर व धूमनगंज के लोग ही नहीं पूरे जिले में दहशत फैल गई। गोलियों व बम के धमाकों की गूंज विधानसभा तक पहुंची तो सीधे सीएम ने मामले को संज्ञान ले लिया। सीएम के तेवर को देखते हुए प्रेशर में आई पुलिस आरोपितों की तलाश में जुट गई। इस बीच घटना के वक्त प्रयुक्त बरामद कार को ड्राइव करने वाला अरबाज मुठभेड़ में मारा गया। इसी मुठभेड़ का खुलासा करते हुए खुद पुलिस कमिश्नर ने बताया था कि पूरी घटना की साजिश में मुस्लिम हास्टल का सदाकत शामिल है। जिसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। इसके बाद विजय चौधरी उर्फ उस्मान कौंधियारा में हुई मुठभेड़ में मारा गया। साथ ही कई आरोपितों के घर तक को पीडीए द्वारा ढहा दिया गया। इतनी कार्रवाई के बाद खुद को सरकार के प्रेशर से हल्का महसूस कर रही पुलिस साइलेंट मोड में है। घटना को हुए शुक्रवार को चौदह दिन का वक्त बीत गया और मुख्य आरोपित माफिया अतीक के बेटों की परछाई तक नहीं खोज पाई है। पूरा सिस्टम लगाने के बावजूद आरोपित अतीक के बेटों की गिरफ्तारी में पुलिस अब तक नाकाम है। अतीक के जिस आरोपित बेटे को जिम्मेदार बच्चा समझ रहे थे पुलिस उनकी तलाश में गच्चा खा गई है। डे-लाइट ट्रिपल मर्डर को अंजाम देने के बाद वह शहर से निकल भागे और पुलिस को हवा तक नहीं लगी।
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