प्रयागराज (ब्यूरो)। तालिब उर्फ 'एसपी सिटीÓ लालबिहारा थाना पूरामुफ्ती का रहने वाला है। पुलिस की मानें तो जब आईएसआई 227 गैंग के सरगना अतीक अहमद के सितारे बुलंद थे तो 'एसपी सिटीÓ का भी रौब और खौफ कम नहीं था। उसके एक इशारे पर शहर वह हर काम हो जाया करते थे जिसे कानून की नजरों में गुनाह कहा जाता था। अतीक गैंग में शामिल होने के पूर्व तालिब की अपनी कोई खास पहचान नहीं थी। छोटे- मोटे काम धंधे से वह जीवकोपार्जन किया करता था। वक्त ने साथ दिया और तालिब माफिया अतीक अहमद गैंग में दाखिल हो गया। लाइजनिंग में माहिर तालिब पुलिस विभाग में अच्छी खासी पकड़ बना लिया। वह अपनी इस पकड़ का इस्तेमाल माफिया अतीक और उनकी गैंग के लिए करने लगा। उसके इस हुनर से अतीक अहमद काफी प्रभावित हुए। वक्त बीतता गया और वह अतीक अहमद के करीब आता चला गया। एक दिन ऐसा भी आया जब वह अतीक के बड़े विश्वास पात्रों की लिस्ट में शामिल हो गया। चूंकि वह गैंग में रहकर पुलिस विभाग में लाइजनिंग के जरिए हर छोटे बड़े काम करवा लेता था। लिहाजा एक दिन अतीक अहमद ने उसे 'एसपी सिटीÓ उप नाम दिया। तभी से पूरा गैंग उसे तालिब उर्फ 'एसपी सिटीÓ के नाम से जाना जाने लगा। अतीक अहमद से लेकर अशरफ और उनके गुर्गे तक तालिब को 'एसपी सिटीÓ के नाम से ही बुलाने लगे। गैंग में उसका रुतबा बढ़ा तो वह बाहर भी पापुलर हो गया। अतीक अहमद का विश्वास पात्र बनकर वह अकूत दौलत बटोर लिया। पैसे आए तो रहन सहन और बोली भाषा भी चेंज हो गई। अंडर ग्राउंड चल रहे अशरफ की गिरफ्तारी के बाद तालिब उर्फ 'एसपी सिटीÓ भी कानून के लपेटे में आ गया। क्योंकि अशरफ की गन इसी 'एसपी सिटीÓ के घर से ही बरामद की गई थी। पुलिस के मुताबिक इस मामले में उसे जेल भी जाना पड़ता था। मगर कुछ महीनों से वह बाहर था। जेल से बाहर आने के बाद फिर वह इलाके में गुण्डागर्दी शुरू कर दिया। पूरामुफ्ती पुलिस द्वारा बेगम बाजार से उसे चार देशी बम के साथ गिरफ्तार किया गया। पूर्व में भी उसके खिलाफ करीब 16 आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।

बम के साथ गिरफ्तार तालिब उर्फ 'एसपी सिटीÓ माफिया अतीक अहमद गैंग का सक्रिय सदस्य है। जेल से बाहर आने के बाद वह फिर इलाके में गुण्डागर्दी शुरू कर दिया था। बम के साथ पकड़े जाने के बाद उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जा रहा है।
उपेंद्र प्रताप सिंह
थाना प्रभारी पूरामुफ्ती