प्रयागराज (ब्यूरो)। सांस्कृतिक संध्या की लड़ी में प्रयागराज के बहुचर्चित युवा गायक विष्णु राजा ने मीठी आवाज में भजनों की माला से कार्यक्रम को गति दी। उन्होंने ''चलो रे मन श्री वृन्दावन धामÓÓ भजन से दर्शकों को कृष्णमयी धारा में प्रवाहित किया वहीं लोकगीत ''हे री सखी मंगल गाओ रीÓÓ को भी दर्शकों ने खूब सराहा। इसी क्रम में त्रिपुरा के कलाकारों द्वारा गीतों पर अपने पारंपरिक परिधानों से सुसज्जित होकर ढोल और बांसुरी की मधुर तान पर खूबसूरत नृत्य की प्रस्तुति की गयी। साथ ही ब्रज धाम के कलाकारों द्वारा राधा-कृष्ण के अनेक प्रसंगों को जोड़ते हुए फूलो की होली के माध्यम से पूरे वातावरण को आल्हादित कर दिया गया
राई नृत्य ने बांधा समां.
हरियाणा की माटी की सोंधी महक को अजय कश्यप व उनके साथी कलाकारों ने हरियाणवी लोकनृत्य के माध्यम से दर्शकों तक पहुंचाया। सागर मध्य प्रदेश के 90 वर्षीय राम सहाय पाण्डेय ने राई नृत्य के माध्यम से बुन्देलखण्ड की श्रृंगार प्रधानता का प्रदर्शन किया। मध्य प्रदेश के छिन्दवाड़ा से पधारे विजय कुमार बन्देवार और उनके साथी कलाकारों द्वारा गौंड जनजाति के पारम्परिक नृत्यों को पेश किया। इस नृत्य को शादी-विवाह के अवसर पर स्त्री-पुरूषों के द्वारा बड़े उल्लास से ढोल की थाप पर शैला नृत्य के अन्तर्गत प्रस्तुत करते हैं। इस दौरान केंद्र निदेशक ने सभी दर्शकों का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें पुन: आने का निमंत्रण भी दिया।