फिर आपका घर आपकी मदद भी कर पाएगा


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A golden opportuinity

 
Allahabad :  जरूरत बता कर नहीं आती। बेहतर होगा कि पहले से तैयारी कर ली जाए। इलाहाबाद डेवलपमेंट अथारिटी ने कुछ इसी सोच के साथ मौका भी दे दिया है। एडीए द्वारा इम्पू्रवमेंट ट्रस्ट की जमीनों पर बने घरों व फ्लैट को फ्री होल्ड कराने का ऑप्शन दे दिया है। इसके बाद वह न सिर्फ उस घर पर किसी जरूरत पर बैंक लोन ले सकता है बल्कि आसानी से किसी को दूसरे शख्स को बेच भी सकता है। यानी आपके फाइनेंशियल मददगारों की लिस्ट में आपके घर का नाम भी जुड़ जाएगा. 

50 हजार से ज्यादा को मिलेगी राहत 

सिटी में बड़ी तादाद में इम्पू्रवमेंट ट्रस्ट की जमीनों पर मकान बने हैं। अल्लापुर, मीरापुर सहित एक दर्जन से ज्यादा ऐसे एरियाज हैं जहां यह तादात ज्यादा है। ऑफिसर्स ने बताया कि इस तरह की जमीन पर बने घरों में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है लेकिन किसी आपात स्थिति में न तो इस पर लोन मिल सकता है और न ही इसे कब्जाधारक बेच सकता है.

रिकॉर्ड में मालिक बन जाएंगे

पिछले दिनों हुई एडीए बोर्ड की मीटिंग में इम्पू्रवमेंट ट्रस्ट के घरों को लेकर डिस्कस किया गया था। बोर्ड बैठक में फाइनल हुआ कि सर्किल रेट का दो प्रतिशत देकर इस तरह के घरों को फ्री होल्ड कराया जा सकता है। अभी तक यह होता रहता था कि ट्रस्ट की जमीन पर बने मकानों के मालिकों का नाम पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता था लेकिन उसके पास इसे बेचने का अधिकार नहीं था. 

क्या है इम्पू्रवमेंट ट्रस्ट की जमीन? 

ऑफिसर्स बताते हैं कि एडीए के अस्तित्व में आने से पहले इम्पू्रवमेंट ट्रस्ट द्वारा हाउसिंग कालोनियां बनाई जाती थीं। इसे एक फिक्स पीरिएड के लिए लीज पर आवंटित किया जाता था। लोग जमीन का रेट देकर उसे परचेज करते थे। लेकिन, यह जमीन फ्री होल्ड न होने से वह इसे बेचने का अधिकार नहीं रखते थे। इस पर लोन भी मंजूर नहीं हो सकता क्योंकि इसे गिरवी भी नहीं रखा जा सकता. 


कहां-कहां फंसता है फ्री होल्ड न कराने पर पेंच? 
-फ्री होल्ड होने के बाद जमीन मालिक की भूमिधरी हो जाती है। यानी उस पर सरकार का कोई दावा नहीं रह जाता. 
-बैंकों द्वारा लोन अगेंस्ट प्रापर्टी दिया जाता है। जमीन फ्री होल्ड न होने पर बैंक लोन देने से कतराते हैं क्योंकि लोन की धनराशि जमा न होने पर रिकवरी नहीं हो पाती. 
-जमीन फ्री होल्ड नहीं है तो उसको बेचना भी टेढ़ी खीर होता है। दाखिल-खारिज की प्रक्रिया न हो पाने से नए कब्जाधारक को मालिकाना हक नहीं मिलता. 
-गवर्नमेंट द्वारा फ्री होल्ड कराने का चार्ज व कंडीशन में टाइम टु टाइम चेंज किया जाता है। गवर्नमेंट जब चाहे इस फ्री होल्ड कराने की फेसेलिटी वापस ले सकती है.

कैसे करा सकते हैं free hold


एडीए के ऑफिसर्स ने बताया कि प्रजेंट सर्किल रेट का दो प्रतिशत शुल्क के रूप में जमा करके इम्पू्रवमेंट ट्रस्ट की प्रापर्टी को फ्री होल्ड कराया जा सकता है। इसके लिए जमीन व घर से रिलेटेड सभी जरूरी कागजों को  एडीए ऑफिस में जमा करना होता है. 


इम्पू्रवमेंट ट्रस्ट की प्रापर्टी को दो प्रतिशत के सर्किल रेट के चार्ज के साथ फ्री होल्ड किया जा रहा है। बोर्ड मीटिंग में सहमति बनने के बाद इसे हरी झंडी दिखा दी गई है. 
-एके सिंह, 
वीसी एडीए 

50 हजार से ज्यादा को मिलेगी राहत 

सिटी में बड़ी तादाद में इम्पू्रवमेंट ट्रस्ट की जमीनों पर मकान बने हैं। अल्लापुर, मीरापुर सहित एक दर्जन से ज्यादा ऐसे एरियाज हैं जहां यह तादात ज्यादा है। ऑफिसर्स ने बताया कि इस तरह की जमीन पर बने घरों में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है लेकिन किसी आपात स्थिति में न तो इस पर लोन मिल सकता है और न ही इसे कब्जाधारक बेच सकता है।

रिकॉर्ड में मालिक बन जाएंगे

पिछले दिनों हुई एडीए बोर्ड की मीटिंग में इम्पू्रवमेंट ट्रस्ट के घरों को लेकर डिस्कस किया गया था। बोर्ड बैठक में फाइनल हुआ कि सर्किल रेट का दो प्रतिशत देकर इस तरह के घरों को फ्री होल्ड कराया जा सकता है। अभी तक यह होता रहता था कि ट्रस्ट की जमीन पर बने मकानों के मालिकों का नाम पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता था लेकिन उसके पास इसे बेचने का अधिकार नहीं था. 

क्या है इम्पू्रवमेंट ट्रस्ट की जमीन? 

ऑफिसर्स बताते हैं कि एडीए के अस्तित्व में आने से पहले इम्पू्रवमेंट ट्रस्ट द्वारा हाउसिंग कालोनियां बनाई जाती थीं। इसे एक फिक्स पीरिएड के लिए लीज पर आवंटित किया जाता था। लोग जमीन का रेट देकर उसे परचेज करते थे। लेकिन, यह जमीन फ्री होल्ड न होने से वह इसे बेचने का अधिकार नहीं रखते थे। इस पर लोन भी मंजूर नहीं हो सकता क्योंकि इसे गिरवी भी नहीं रखा जा सकता. 

कहां-कहां फंसता है फ्री होल्ड न कराने पर पेंच? 

-फ्री होल्ड होने के बाद जमीन मालिक की भूमिधरी हो जाती है। यानी उस पर सरकार का कोई दावा नहीं रह जाता. 

-बैंकों द्वारा लोन अगेंस्ट प्रापर्टी दिया जाता है। जमीन फ्री होल्ड न होने पर बैंक लोन देने से कतराते हैं क्योंकि लोन की धनराशि जमा न होने पर रिकवरी नहीं हो पाती. 

-जमीन फ्री होल्ड नहीं है तो उसको बेचना भी टेढ़ी खीर होता है। दाखिल-खारिज की प्रक्रिया न हो पाने से नए कब्जाधारक को मालिकाना हक नहीं मिलता. 

-गवर्नमेंट द्वारा फ्री होल्ड कराने का चार्ज व कंडीशन में टाइम टु टाइम चेंज किया जाता है। गवर्नमेंट जब चाहे इस फ्री होल्ड कराने की फेसेलिटी वापस ले सकती है।

कैसे करा सकते हैं free hold

एडीए के ऑफिसर्स ने बताया कि प्रजेंट सर्किल रेट का दो प्रतिशत शुल्क के रूप में जमा करके इम्पू्रवमेंट ट्रस्ट की प्रापर्टी को फ्री होल्ड कराया जा सकता है। इसके लिए जमीन व घर से रिलेटेड सभी जरूरी कागजों को  एडीए ऑफिस में जमा करना होता है. 

इम्पू्रवमेंट ट्रस्ट की प्रापर्टी को दो प्रतिशत के सर्किल रेट के चार्ज के साथ फ्री होल्ड किया जा रहा है। बोर्ड मीटिंग में सहमति बनने के बाद इसे हरी झंडी दिखा दी गई है. 

-एके सिंह, 

वीसी एडीए