प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा होने लगी है। आयोग जल्द ही चुनाव की डेट घोषित कर सकता है। इस बार के लोकसभा चुनाव को लेकर यूथ में काफी जोश दिख रहा है। इसको देखते हुए इस बार के चुनाव में युवाओं के मुद्दे क्या हैं? वो कैंडिटेट को वोट करेंगे या फिर किसी पार्टी को वोट करेंगे? यूथ के चुनावी मुद्दों को जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम बुधवार को ईश्वर शरण डिग्री कालेज पहुंची। जहां पर युवाओं ने कई सारे चुनावी मुद्दों पर खुल कर चर्चा की। युवाओं का कहना है कि वो ऐसा उम्मीदवार चुनना चाहते हैं जो युवा होने के साथ ही नई सोच रखने वाला हो। हेट स्पीच देने वालों पर रोक लगना चाहिए, इंटरनेट के दौर में ऑनलाइन वोटिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। सरकार द्वारा हेल्प डेस्क की व्यवस्था करना और जॉब से ज्यादा जॉब की ऑपच्र्युनिटी होनी चाहिए। ये बातें युवाओं ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा चलाए जा रहे चुनाव पर चर्चा कैंपेन राजनी'टीÓ के दौरान कहीं।

हेट स्पीच पर रोक लगे
युवाओं का कहना है कि हेट स्पीच देने वालों के ऊपर सरकार को नजर रखना चाहिए। अधिकतर नेता और उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार के दौरान जनता को आकर्षित करने के लिए हेट स्पीच का सहारा लेते हैं। ऐसे में कई सारे वोटर्स उनसे प्रभावित हो जाते हैं। जिसके चलते वोटर्स कई बार अपने वोट करने का पैमाना बदल देते हैं। नेताओं के साथ में काफी बड़ा जनसैलाब होता है। वो जैसा कहेंगे उनके समर्थक वैसा करने के लिए तैयार रहते है। ऐसे मेंहेट स्पीच से माहौल बिगडऩे का अंदेशा रहता है। चुनाव आयोग को हेट स्पीच करने वालों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

जॉब से ज्यादा आपच्र्युनिटी हो
युवाओं का कहना है कि युवाओं के लिए जॉब तो जरूरी है। मगर उससे भी ज्यादा जरूरी है उनके लिए जॉब की आपच्र्युनिटी होना। क्योंकि जब युवाओं को प्रतियोगी परीक्षा में बैठने के मौके ज्यादा मिलेंगे तो उनके नौकरी पाने के चांसेज ज्यादा होंगे। जॉब से ज्यादा जरूरी है जॉब की आपच्र्युनिटी होना। सरकार कई सारी प्रतियोगी परीक्षाएं कराती है। ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओंं को नौकरी मिल सके। मगर कई बार ऐसा होता है की सरकार द्वारा कराई गई परीक्षाओं के पेपर लीक हो जाते है। तो कई भर्तियां धांधली होने के कारण कोर्ट में लटक जाती हैं। जिस वजह से वेकेंसियां क्लियर नहीं हो पाती हैं। इसी के चलते कई सारे युवाओं को नौकरी नहीं मिल पाती है। क्योंकि इन प्रतियोगी परीक्षाओं में कई सारे ऐसे युवा होते हैं। जिनके पास परीक्षा देने का आखिरी चांस होता है। इसके बाद वो ओवर ऐज हो जाने के कारण दोबारा उस प्रतियोगी परीक्षा में बैठने के लिए इलेजबल नहीं रह जाते है। तो इसको देखते हुए सरकार को अपना सुरक्षा सिस्टम और कड़ा करना चाहिए। ताकि साल्वर परीक्षा में किसी प्रकार की सेंधमारी न कर पाएं और युवाओं को उनकी मन पसंद नौकरी मिल सके।

हेल्प डेस्क की सुविधा होनी चाहिए
युवाओं का कहना है कि उनकी सुविधा के लिए सरकार को एक हेल्प डेस्क की सुविधा देनी चाहिए। ताकि युवाओं की जो भी समस्याएं हों वह सीधे सरकार तक पहुंच सकें। इसमें केवल और केवल युवाओं से जुड़ी हुई समस्याओं को ही सुना जाए। इसके अलावा किसी की समस्याओं को न सुना जाए। क्योंकि जब युवाओं की समस्याएं सीधे सरकार तक जाएंगी तो उनकी समस्याएं ठीक से सुनी जाएंगी। और इसी के साथ उन समस्याओं का निस्तारण भी जल्द से जल्द हो जाएगा।

ऑनलाइन वोटिंग होनी चाहिए
आज के दौर में खाने से लेकर कपड़े और तेल से लेकर सब्जी तक ऑनलाइन मिलने लगी है। इसको देखते हुए चुनाव आयोग को ऑनलाइन वोटिंग के विषय में विचार करना चाहिए। जिससे कि जो व्यक्ति जहां पर वो वहीं से वोट कर सके। वोट देने के लिए उसे वोटिंग सेंटर तक जाने की जरूरत न पड़े। आयोग को ऑनलाइन वोटिंग सिस्टम ऐसा डेवलप करना चाहिए कि किसी प्रकार की कोई धांधली न होने पाए। क्योंकि जब ऑनलाइन वोटिंग होगी तो इसमे धांधली के चांस्सेज भी ज्यादा होंगे। ऐसे में चुनाव आयोग को इसके प्रति सजग रहते हुए ऑनलाइन वोटिंग को एक आप्शन के रूप जरूर विचार करना चाहिए।

मेरा मुद्दा
सरकार द्वारा जो रिक्त पद हैं उन पर नियुक्तियां करनी चाहिए।
हायर एजुकेशन के लिए युवाओं को एक मानक के आधार पर छूट देनी चाहिए
प्रत्याशी के बैकग्राउंड के आधार पार्टियां उसे अपना प्रत्याशी घोषित करें

ऐसा प्रत्याशी चाहिए जो खुद युवाओं से जुड़े मुद्दे को ड्रिस्कस करे


पार्टी को नहीं कैंडिडेट को वोट करना चाहिए।
सरकार को डिपार्टमेंट्स में कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाना चाहिए। ताकि नौकरी के मौके बढ़ सकें।
सरकारी भर्तियों को कम समय में पूरा करने की व्यवस्था होनी चाहिए।
युवाओं के लिए सरकार के पास ऐसी योजनाएं हों जिससे रोजगार की समस्या का समाधान हो सके।
शिक्षा के क्षेत्र में सरकार को प्रयास करना चाहिए कि युवाओं में स्क्लि डेवलप हो सके।

यूथ ने चर्चा के दौरान उठाए मुद्दे
ऑनलाइन वोटिंग को एज ए ऑप्शन के रूप में विचार करना चाहिए
मतदान हर व्यक्ति के लिए जरुरी होना चाहिए।
यूथ को चुनाव लडऩे के लिए आरक्षण देना चाहिए।
युवाओं के लिए हेल्प डेस्क का इंतजाम होना चाहिए।
युवाओं के लिए मानदेय की व्यवस्था हो ताकि स्टेबल होने तक उन्हें परेशानी न हो।
जिला स्तर पर कारखाना बनाया जाए ताकि जॉब की प्राब्लम न हो।
स्किल डेवलप करने वाले कोर्स प्राइमरी एजुकेशन में शामिल किया जाए।
स्वास्थ्य व्यवस्था को निशुल्क किया जाए। ताकि युवाओं को राहत मिल सके।
शिक्षा को फ्री किया जाए। ताकि गार्जियन पर भार न पड़े।
शोधपरक एजुकेशन सिस्टम को आम लोगों के बीच पहुंचाने के लिए व्यवस्था हो।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर केवल कानून न बने, पुलिस सिस्टम डेवलप किया जाए।

ये मुद्दे रहे प्रमुख
महिलाओं की तरह यूथ को भी चुनाव के लिए आरक्षण देना चाहिए। क्योंकि जब युवाओं को चुनाव लडऩे के लिए आरक्षण मिलेगा तो इसे देख युवा आगे आएंगे। भारत युवाओं का देश है। देश की इतनी ज्यादा आबादी होने बाद भी इसमें युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। जिसके चलते भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। इसको देखते हुए सरकार को चुनाव लडऩे के लिए युवाओं को आरक्षण देना चाहिए।
सौरभ मिश्रा

सरकार को कॉलेजों में स्किल डेवलपमेंट के कोर्स चलाने चाहिए। ताकि जब युवा अपनी पढाई पूरी कर के कॉलेज से बाहर निकलें तो उसके हाथ में कुछ हुनर हो। ऐसे में उसके पास में दो आप्शन रहेगा चाहे वो आगे पढ़ाई कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करके सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करें। या फिर वो चाहे अपना खुद का कोई रोजगार करें। क्योंकि रोजगार को लेकर युवाओं में मानसिक तनाव काफी भारी हो जाता है। जिसके चलते बहुत सारे युवा डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में सरकार को कॉलेजों में अनिवार्य रूप से स्किल डेवलपमेंट के कोर्स चलाने चाहिए। जिससे युवा भटके न और अपने काम को ठीक ढंग से कर सकें।
अंश नरायण मिश्रा

चुनाव आयोग ने चुनाव लडऩे की जो उम्र 25 वर्ष रखी है। वो बिल्कुल सही रखी है। इससे कम उम्र का उम्मीदवार सदन की भाषा और वहां के तौर को सही से समझ नहीं पाएगा। 25 वर्ष के कम उम्र के युवा में मेच्योरिटी थोड़ी कम होती है। जिसके चलते वो गलत निर्णय ले सकता है। ऐसे में उम्मीदवारों की लोक सभा में चुनाव लडऩे की उम्र ठीक रखी गई है। ताकि लोकसभा में जो प्रत्याशी विजयी हो के पहुंचे वह पूर्ण रूप से निर्णय लेने में सक्षम हों और पूरी तरह से मेच्योर रहें।
प्रिया वर्मा

हेट स्पीच देने वालों पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। क्योंकि ऐसे नेता चुनाव के दौरान जनता को अपनी ओर आकर्षित करने के कई सारे हथकंडे अपनाते हैं। इसी के साथ मौजूदा सरकार के विषय में भ्रामक बातें भी बोलते हैं। ताकि जनता उनके पक्ष में वोट करे। जिससे वो विजयी हो कर लोकसभा में पहुंच सकें। मगर इसका समाज में रह रहे लोगों पर गलत असर पड़ता है। नेता से इंस्पायर्ड उनके समर्थक अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं। इन सब बातों का ध्यान रखते हुए चुनाव आयोग को हेट स्पीच देने वालों के ऊपर शिकंजा कसना चाहिए।
विकेश तिवारी

हर बार सरकारें चुनाव जीतने के लिए और जनता को लुभाने के लिए कुछ न कुछ वादे करती हैं। जिनमें से सरकारें कुछ वादों को पूरा करती हैं तो कुछ को पूरा नहीं करती हैंै। ऐसे में हम अबकी बार उसी सरकार को वोट करेंगे जो सरकार अपने वादों पर अमल कर उन्हेंं पूरा करने का भरोसा दिलाएगी। क्योंकि हम सरकार को पांच सालों के लिए चुनते हैं। और इन पांच सालों के लिए जनता उनके हाथों की कठपुतली बनी रहती है। ऐसे में हमारा वोट उसी को जाएगा जो सरकार अपने वादों को पूरा करने का भरोसा दिलाएगी।
प्रिंस सिंह

सरकार के द्वारा वोटिंग करने की उम्र 18 वर्ष ठीक रखी गई है। इससे कम नहीं होनी चाहिए। क्योंकि इससे कम होने पर प्रत्याशी उसका गलत फायदा उठा लेंगे। इससे अयोग्य प्रत्याशी चुन कर सदन पहुंच सकता है। जिसका दुष्प्रभाव जनता को भुगतना पड़ सकता है। चुनाव आयोग को चाहिए कि अपराधी केस वाले प्रत्याशियों के चुनाव लडऩे पर रोक लगाए। पता चलता है कि कोर्ट में केस चल रहा है और नेता वोट मांग रहा है।
लकी सिंह

ईमानदार प्रत्याशी को वोट करुंगी
मैं लोक सभा चुनाव के लिए पहली बार वोट करुंगी। इसके लिए मैंने अपने वोट देने के पैमाने को अभी से तय कर लिया है। मेरा वोट उसी उम्मीदवार को जाएगा जो ईमानदार होगा। जिसका बैकग्राउंड बिल्कुल साफ होगा। इसी के साथ वो प्रत्याशी युवा भी होना चाहिए। क्योंकि जब प्रत्याशी युवा होगा तो वो युवाओं की समस्या को ठीक से समझेगा। उनकी समस्याओं को समझ उनका निस्तारण भी जल्द से जल्द कराने का प्रयास करेगा।
साक्षी सिंह