प्रयागराज ब्यूरो । डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के हवाले से हेपेटाइटिस बीमारी तेजी से बढ़ रही है। यह गलत भी नही है। क्योंकि इस जानलेवा बीमारी के फैलने का सबसे बड़ा कारण वायरल इंफेक्शन भले ही हो, लेकिन शराब और शुगर भी मुख्य कारण बने हुए हैं। अधिक शराब का सेवन और डायबिटीज लीवर को संक्रमित कर रही है। जिसकी वजह से हेपेटाइटिस के मामले दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं।

ओपीडी में दस्तक दे रहे दस फीसदी मरीज

एमएलएन मेडिकल कॉलेज की गैस्ट्रो विभाग की ओपीडी में रोजाना दो सौ मरीज आते हैं। इनमें पेट की बीमारियों से ग्रसित तमाम रोगी होते हैंं। चौकाने वाली बात है कि लगभग दस फीसदी मरीज हेपेटाइटिस से ग्रसित आते हैं। यह साफ बताता है कि यह बीमारी किस तेजी से फैल रही है। इन मरीजों में सबसे अहम कारण शराब और शुगर बनकर सामने आ रहा है। मरीजों में अधिक एल्कोहल का सेवन और अनियंत्रित डायबिटीज की वजह से लीवर फैटी हो रहा है। यह फैटीलीवर कब हेपेटाइटिस और फिर कब सिरोसिस में बदल जाता है, मरीज का पता ही नही चलता है।

यंग एज में शराब बड़ा खतरा

डॉक्टर्स का कहना है कि हेपेटाइटिस से ग्रसित होने की खास उम्र नही है। लेकिन यंग एज मे इसका फैलना वाकई चिंताजनक होता जा रहा है। जिसका सबसे बड़ा कारण शराब का अंधाधुंध सेवन है। कम एज में नशे और शौक के चलते यंगस्टर्स शराब से नजदीकी बनाने लगते हैं। इससे उनका लीवर डैमेज होने लगता है्। शुरुआत में वह इसके लक्षणों को नजर अंदाज करते हैं जो आगे चलकर घातक होने लगता है।

ये हैं हेपेटाइटिस के अन्य कारण

- संक्रमित सीरिंज का इस्तेमाल

- असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करना

- संक्रमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराना

डायबिटिक होने पर कराएं जांच

दूसरे सबसे बड़ा कारण डायबिटिक मोटापा बना हुआ है। लोगों को पता नही चलता और उनका शुगर लेवल हाई बना रहता है। इसकी वजह से लीवर फैटी होने लगता है। इस स्थिति में फैटी लीवर से हेपेटाइटिस और सिरोसिस का खतरा बनने लगता है। ऐसे रोजाना कई मामले सामने आ रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि डायबिटीज होने पर इसकी लगातार जांच करानी चाहिए। लीवर की जांच भी होनी चाहिए। इसके अलावा जंक फूड भी अहम कारण बना हुआ है।

ये हैं हेपेटाइटिस के लक्षण

- शरीर में थकान महसूस होना

- उल्टी

- जी मिचलाना

- काम में मन नही लगना

- पीलिया की शिकायत होना

डब्ल्यूएचओ ने जताई है चिंता

हाल ही में हेपेटाइटिस के बढ़ते मामलों को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने रिपोर्ट जारी की है। जिसमें कहा है कि इस बीमारी से रोजाना 3500 मौते होती हैं। पूरे विश्व में हेपेटाइटिस के संक्रमण में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर है। इस बीमारी से यंगस्टर्स के अलावा बच्चे भी अछूते नही हैं। मिडिल से ओल्ड एज में भी यह बीमारी अपने पर फैला रही है। प्रेगनेंट महिलाएं भी हेपेटाइटिस की चपेट में तेजी से आने लगी है।

वायरल संक्रमण तो कारण है, लेकिन शराब और डायबिटीज की वजह से भी ंलोग हेपेटाइटिस का शिकार हो रहे हैं। इसकी वजह से फैटी लीवर है। संक्रमण की वजह से लोग सिरोसिस का शिकार हो जाते हैं। ओपीडी में मरीज भी बड़ी संख्या में आ रहे रहे हैं। इनमें यंगस्टर्स की भी संख्या शामिल है।

डॉ। गौरव गर्ग, एसोसिएशन प्रोफेसर, गैस्ट्रो विभाग एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज