विशेष अपराध की फाइलों को सीओ के अधीनस्थ कर रहे तैयार

राजपत्रित अधिकारी सिर्फ सिग्नेचर ही कर रहे

डीआईजी ने पकड़ी गड़बड़ी, लगाई फटकार, कहा लास्ट वार्निग

ALLAHABAD:

उत्तर प्रदेश अगर अजब है तो यहां की पुलिस गजब है। दरोगा, सिपाही की बात तो छोडि़ए, यहां पर तो सीओ व एएसपी लेवल के अफसर भी अपना काम ठीक से नहीं कर रहे। मर्डर, रेप, लूट, डकैती या एससी-एसटी एक्ट से जुड़े मामले जिन्हें सीरियस क्राइम की श्रेणी में रखा जाता है, उसकी जांच सीओ, एएसपी की जगह उनके क्लर्क कर रहे हैं। अफसरों का कारनामा तब खुला जब डीआईजी रेंज ने सीरियस क्राइम की फाइलों की जांच शुरू की। डीआईजी ने इसे घोर आपत्तिजनक बताते हुए लास्ट वार्निग दी है। डीआईजी ने रेंज के सभी कप्तानों से कहा है कि अपने अधीनस्थ एएसपी व सीओ के कामों की खुद निगरानी करें और कम से कम इस तरह की गड़बड़ी न होने दें। इस तरह की गड़बड़ी फिर मिली तो बिना स्पष्टीकरण के ही कार्रवाई की जाएगी।

लिखने को कहा तो खुली पोल

जब डीआईजी ने फाइलों की जांच की तो पता चला कि सीरियस क्राइम की 200 से अधिक विवेचनाएं पेंडिंग हैं। कुछ गंभीर मामलों की फाइलें उन्होंने मंगवाई और जांच करने वाले एएसपी व सीओ को भी बुलवाया। जब उनसे पूछताछ की गई तो वह बगली झांकने लगे। उनको कोई जानकारी नहीं थी। फाइलों में लिखी बातें भी उनको पता नहीं थीं। जब डीआईजी ने अफसरों से कहा कि वे फाइल पर अपनी आख्या लिखें तो पोल खुल गई। फाइल की राइटिंग और अफसरों की राइटिंग बिल्कुल अलग थी। जब पूछताछ हुई तो पता चला कि अफसरों ने फाइल पर सिग्नेचर करने के अलावा कुछ नहीं किया। सारी लिखा पढ़ी क्लर्क व पेशी के लोगों ने की थी। डीआईजी ने कहा कि अफसर सीरियस क्राइम की आख्या अगर खुद लिखते तो उनको कम से कम सही बातें तो पता होतीं।

अब मिलाई जाएगी हैंड राइटिंग

डीआईजी ने लास्ट वार्निग के साथ ही कहा है कि सीरियस क्राइम की रिपोर्ट जांच अधिकारी द्वारा ही लिखी जाए। अफसर ही फाइलों को लिख रहे हैं, यह पता लगाने के लिए उनकी हैंड राइटिंग का मिलान किया जाएगा। उन्होंने इलाहाबाद के एसएसपी, प्रतापगढ़, कौशांबी व फतेहपुर के एसपी को निर्देश दिया है कि वे अपने अधीनस्थ अफसरों की कारस्तानियों पर भी कड़ी नजर रखें। डीआईजी ने आठ अप्रैल को कड़ा पत्र लिखते हुए कहा है कि अगर कोई आख्या दूसरे की हैंडराइटिंग में पाई जाती है तो इसे आदेशों की अवहेलना और घोर लापरवाही माना जाएगा।

आईजी लेंगे सीओ की क्लास

फाइलें अपने अधीनस्थों से लिखवाने के प्रकरण को आईजी जोन ने भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने जोन के सभी सीओ को एक-एक कर बुलाने और काम सिखाने का निर्णय लिया है। आईजी की पहली पाठशाला 16 अप्रैल को शाम पांच बजे जोन ऑफिस में लगेगी। पहली पाठशाला में इलाहाबाद के सीओ फ‌र्स्ट व सीओ हंडिया, कौशांबी के सीओ चायल, फतेहपुर के सीओ खागा, प्रतापगढ़ के सीओ कुंडा, बांदा सीओ सिटी, चित्रकूट के सीओ राजापुर, महोबा के सीओ चरखारी व हमीरपुर के सीओ राठ मौजूद रहेंगे। आईजी जोन ने बताया कि 26 प्वाइंट की समीक्षा होगी। सीओ को 14 रजिस्टरों के साथ उपस्थित होने को कहा गया है। डिटेल पहले ही भेजी जा चुकी है। एक-एककर कर हर सीओ को बुलाया जाएगा और काम की समीक्षा होगी।

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राजपत्रित अफसरों को लास्ट वार्निग दी गई है। अगर स्पेशल क्राइम की फाइलें किसी और से लिखवाई गई तो बिना स्पष्टीकरण मांगे ही सीधी कार्रवाई कर दी जाएगी।

जितेंद्र कुमार शाही, डीआईजी रेंज