-हिन्दुस्तानी एकेडमी में आर्गनाइज सेमिनार में साहित्यकारों ने की चर्चा

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PRAYAGRAJ: हिन्दुस्तानी एकेडमी में रविवार को साहित्यकार ठाकुर प्रसाद सिंह और उनके क्रियेशन्स विषय पर सेमिनार आर्गनाइज हुआ। प्रोग्राम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन से किया गया। एकेडमी के अध्यक्ष डा.उदय प्रताप सिंह ने वक्ताओं का वेलकम प्रतीक चिन्ह, शॉल देकर किया। प्रोग्राम में गेस्ट द्वारा साहित्यकार ठाकुर प्रसाद सिंह की दो कृतियां सात घरों का गांव व कुब्जा सुंदरी का विमोचन किया गया। इस मौके पर ठाकुर प्रसाद सिंह के परिवार की सदस्य समीक्षा सिंह ने उनकी कृति वंशी और मादल से ली गई कविता का पाठ किया।

मूल्यांकन में सबसे बड़ी रूकावट ठाकुर प्रसाद सिंह थे

सेमिनार में डॉ। उमेश प्रसाद सिंह ने कहा कि ठाकुर प्रसाद सिंह का मूल्यांकन उनके समय में नहीं हुआ। इसके लिए हम कहते है कि हिन्दी आलोचक जिम्मेदार है। तो यह उचित नहीं है। ठाकुर प्रसाद सिंह के मूल्यांकन में सबसे बड़ी रूकावट स्वयं ठाकुर प्रसाद सिंह थे। उनका स्वभाव है वह अपने को लेकर एकदम निरपेक्ष थे। उन्होंने सैकड़ों लोगों की पुस्तकें छपवाई किन्तु उनके समय में उनकी रचनाएं नहीं छप सकी। प्रोग्राम में ललिता नारायणी, डा। पूर्णिमा मालवीय, वीरेन्द्र कुमार तिवारी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।